आजम खान के बचाव में उतरीं पत्नी ताजीन फातिमा, सरकार और प्रशासन पर लगाए ये आरोप
रामपुर। राज्यसभा सदस्य और आजम खान की पत्नी ताजीन फातिमा ने हमसफर रिसॉर्ट पर की गई प्रशासन की कार्रवाई को एक साजिश बताया। ताजीन फातिमा ने कहा कि रिसॉर्ट के पीछे की दीवार गिराई गई, वह रिसॉर्ट की दीवार नहीं है वह पीछे की खेती की जमीन की दीवार है और जो नाला वहां से गुजर रहा है वह सिंचाई विभाग ने बनवाया था। उन्होंने कहा कि जब दीवार पहले से वहां थी तो सिंचाई विभाग ने उसके अंदर नाला क्यों बनवाया और सिंचाई विभाग वालों से पूछा जाना चाहिए कि उनके जो अधिकारी थे उन्होंने क्यों नहीं चेक किया, उन्हें चेक करना चाहिए था।
प्रशासन की कार्रवाई पर खड़े किए सवाल
प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सिर्फ दो दिन का नोटिस दिया गया था। क्या 2 दिन के नोटिस में कोई चीज तोड़ी जा सकती है और दो दिन का समय भी पूरा नहीं हुआ था और उन्होंने दीवार तोड़ दी। ताजीन फातिमा के अनुसार, रिसॉर्ट की दीवार 25-30 साल पुरानी थी, रिसॉर्ट 25-30 साल पहले से बनना शुरू हुआ था। उन्होंने कहा, हम पति-पत्नी की जिंदगीभर की पूरी कमाई रिसॉर्ट में लगी है।
डीएम पर आरोप
उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई को गलत बताते हुए कहा, 30 साल पहले ग्रीन बेल्ट नहीं थी, आरडीए भी नहीं था और उस वक्त की जो कार्रवाई होती थी उसके हिसाब से हमने सारे नियमों का पालन किया था। ताजीन फातिमा ने कहा कि जाहिर सी बात है हम हर मामले में कोर्ट ही जाएंगे। प्रशासन एक साजिश के तौर पर काम कर रहा है। डीएम ने आते ही मेरे पति को अपराधी बनाते हुए उनका लाइसेंस निलंबित किया और निरस्त करने की धमकी दी और उन्हें एक अपराधिक छवि वाला घोषित किया।
'लोग अपने पैसे ले लें या अपनी जमीन ले लें'
यूनिवर्सिटी की सारी जमीनों की रजिस्ट्री हुई हैं और उनके चेक से पेमेंट हुए हैं, अगर एक आध बीघा रह भी गया है तो हो सकता है साजिश के तहत जो लोग हैं उन्होंने छोड़ दिया हो तो उसके लिए हमने कह दिया है या वह लोग अपने पैसे ले लें या अपनी जमीन ले लें। अगर उनकी जमीन पर बिल्डिंग भी बनी है तो मैं कहूंगी उसे तोड़ दें। ताजीन फातिमा ने मौजूदा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा प्रशासन की हर कार्रवाई एक साजिश है जो सरकार से मिलकर प्रशासन कर रहा है जिसके खिलाफ हम कोर्ट जाएंगे। प्रशासन द्वारा आजम खान के खिलाफ बैठाई गई जांच पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए ताजीन फातिमा ने कहा यह जो जांच समितियां हैं यह वही तीन चार अधिकारी हैं जिन्हें डीएम अपने साथ लेकर चलते हैं एक जिले से दूसरे जिले में और वही अधिकारी जांच करते हैं। जाहिर सी बात है जांच उनकी मनमर्जी की ही होगी।
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