सूरत अग्निकांड: जहां झुलसकर मर गए 22 स्टूडेंट्स, उस पूरी बिल्डिंग का बिजली कनेक्शन ही अवैध था
Gujarat News , सूरत। गुजरात में सूरत के सरथाणा क्षेत्र स्थित तक्षशिला बिल्डिंग के अग्निकांड के बाद जांच में नया खुलासा हुआ है। पुलिस के मुताबिक, पूरी बिल्डिंग का पावर कनेक्शन गैरकानूनी था। जिसके बाद डीजीवीसीएल के नायब इंजीनियर समेत 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब तक इस मामले में कुल 9 लोग पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं। पुलिस कमिश्नर सतीश शर्मा ने बताया कि बिल्डिंग के पार्टनर रविन्द्र कहार, सूरत कॉर्पोरेशन के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर पी डी मुन्शी, जयेश सोलंकी समेत डीजीवीसीएल के नायब इंजीनियर दिपक नायक अरेस्ट किए गए हैं।
पुलिस के अनुसार, इन्हीं लोगों की गैरजिम्मेदाराना हरकतों के कारण ही यह दुर्घटना हुई। कॉर्पोरेशन के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर पी डी मुन्शी पूरे इलाके के इन्चार्ज थे और बिल्डिंग की ऊपर की मंजिल को रेग्युलराइज करने की जिम्मेदारी उनकी थी, लेकिन उन्होंने बिल्डिंग पर गए बिना ही मंजूरी दे दी थी। इस काम में जयेश सोलंकी ने उसका साथ दिया था। साथ ही पूरे बिल्डिंग का पावर कनेक्शन गैरकानूनी होने के पीछे डीजीवीसीएल के नायब इंजीनियर दीपक नायक जिम्मेदार थे। बिल्डिंग के पावर कनेक्शन की फाइल के मुताबिक, यहां कोई एसी नहीं थे। लेकिन हकीकत में यहां 25 से ज्यादा एरकंडिशनर लगाए गए थे। जिसमें से एक आग लगने की बड़ी वजह बन गया था।
बिल्डिंग के नजदीक में लगाए गए ट्रांसफार्मर भी काफी खराब स्थिति में थे और इतनी भयानक आग लगने के बाद भी काफी देर तक पावर कट नहीं किया गया था। इन तमाम हकीकतों को ध्यान में रखकर चारों को ही गिरफ्तार कर पुलिस आगे की जांच में जुटी है। बता दें कि, बिल्डिंग की फायर सेफ्टी जांच में लापरवाही करने वाले दो अधिकारी को पिछले दिनों गिरफ्तार किया गया था। साथ ही महानगर पालिका के दो इंजीनियरों की पूछताछ भी शुरु की गई।
क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बताया कि जनवरी में ही मनपा के उच्च अधिकारियों द्वारा कोचिंग क्लासीस में जांच करने की सूचना दी गई थी। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी कीर्ति मोढ और एस. के.आचार्य ने ना ही कोई जांच की औऱ ना ही उनके द्वारा कोई नोटिस इश्यू की गई थी। इस लापरवाही के कारण कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। तक्षशिला बिल्डिंग की मंजूरी के वक़्त केतन पटेल शहरी विकास निगम के चेयरमैन थे और एन. वी. उपाध्याय फायर डिपार्टमेंट हेड थे।