Dussehra 2019 : यहां रावण पर होती है अंधाधुंध फायरिंग, जानिए राजस्थान की अनूठी परम्परा
झुंझुूनूं। देशभर में 8 अक्टूबर 2019 को विजयादशमी पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। शाम को जगह-जगह रावण के पुतलों का दहन होगा। अधिकांश जगहों पर रावण के पुतलों को आग के हवाले किया जाता है, मगर दशहरा 2019 के मौके पर जानिए राजस्थान की एक ऐसी परम्परा के बारे में जिसके तहत रावण के पुतले को फूंकने से पहले बंदूक की गोलियों से छलनी किया जाता है। करीब ढाई सौ साल से रावण दहन के लिए इस दादू पंथी परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है।
बता दें कि राजस्थान के उदयपुरवाटी कस्बे के जमात में नवरात्र शुरू होने के साथ ही दादूपंथी समाज की ओर से विजयादशमी पर्व की इस परंपरा के तहत धार्मिक आयोजन शुरू हो जाते हैं। दादूपंथी पांचों अखाड़ा की ओर से दस दिनों तक तरह-तरह के आयोजन होते हैं। उदयपुरवाटी दादूपंथी समाज व नगरपालिका के संयुक्त तत्त्वावधान में होने वाले इस महोत्सव में सर्व समाज के लोग हिस्सा लेते हैं।
बताया जाता है कि उदयपुरवाटी कस्बे में झुंझुनूं रोड स्थित जमात इलाके का संबंध जयपुर के राजदरबार से है। जयपुर राजा सवाई मानसिंह ने कस्बे में जमात नामक क्षेत्र बसाया। जमात में राजा मानसिंह ने अपनी दादूपंथी सेना को बसाया। दादूपंथी सेना हर वर्ष दशहरा महोत्सव को काफी जोर-शोर से मनाती है।
दशहरे की पूर्व संध्या पर मंगलकामना हवन होता है। विजयदशमी के दिन सुबह 4 बजे जुजरबे (रेखला) से 101 सलामी दी जाएगी। सुबह साढ़े पांच बजे हवन की वेदी पर शस्त्रों की पूजा होती है। 11 बजे दादू मंदिर में दादूवाणी की आरती होगी। शाम 4 बजे रावण दहन के लिए दादूपंथियों का दल रवाना होकर नांगल नदी पहुंचता। वहां रावण के पुतले को गोलियों से छलनी से किया जाता है। फिर उसका दहन किया जाता है।
कई दिन पूर्व ही रिहर्सल
नांगल नदी में दादू पंथी पांचों अखाड़ा व नगर पालिका के संयुक्त तत्वाधान में होने वाले विजयादशमी पर्व को लेकर बन्दूकबाज कई दिन पूर्व ही रिहर्सल करने लग जाते हैं। निशाना साधने की तैयारी के लिए रिहर्सल में कस्बे व आसआस के गांवों से काफी संख्या में लोग शामिल होते हैं।