अब स्वीडन में पलेगा राजस्थान का बच्चा अभिनन्दन, धोरों की धरती से 7 समंदर पार का सफर है बेहद रोचक
नागौर, 23 जून। दुनिया में जो भी आता है वो अपनी किस्मत साथ लेकर आता है। इस बात का ताजा उदाहरण है राजस्थान का मासूम बच्चा अभिनंदन। राजस्थान में पैदा हुआ, मगर अब बाकी जिंदगी स्वीडन में काटेगा। धोरों की धरती राजस्थान से सात समंदर पार स्वीडर तक का इस बच्चे का सफर बेहद दुखदायी व आत्मीयता से भरा है।
दरअसल, सवा साल पहले जब यह बच्चा पैदा हुआ तो इसके मां बाप ने इसे लावारिश छोड़ दिया। फिर यह बच्चा नागौर के जिला हॉस्पिटल स्थित सरकारी पालनाघर में बड़ा हुआ। बच्चे को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के संरक्षण में पाला गया। इसे अभिनंदन नाम दिया गया।
नागौर जिला कलेक्टर पीयूष समारिया ने बताया कि स्वीडन के पुलिस अफसर दंपती दो साल से किसी बच्चे को गोद लेने की कोशिश कर रहे थे। उनकी तलाश नागौर आकर खत्म हुई। उन्होंने अभिनंदन को गोद लेने का फैसला किया। उन्होंने स्वीडन पुलिस के मार्फत ही बच्चे को गोद लेने की इच्छा जाहिर करते हुए भारत सरकार को आवेदन दिया था। अब बुधवार को लीगल प्रोसेस पूरी होने के बाद अभिनन्दन को उन्हें सौंप दिया गया।
वहीं, नागौर बाल कल्याण समिति (CWC) चेयरमैन मनोज सोनी ने कहा कि सारी विधिक प्रक्रिया पूरी कर बच्चे को स्वीडन के माता-पिता को सौंपा गया है। आशा है कि अब अभिनन्दन बड़ा होकर अपने देश और हम सब का नाम रोशन करेगा। स्वीडिश दंपती की देखरेख में ये एक अच्छा इंसान बनेगा और जीवन में कामयाबी हासिल करेगा।
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बता दें कि किसी भारतीय बच्चे को गोद लेने के लिए विदेशी दंपती को पहले भारत सरकार की ओर से कुछ फॉर्मेलिटीज पूरी करनी होती हैं। इसके बाद प्रायोरिटी से तय होता है कि दंपती को कौन सा बच्चा मिलेगा? एडॉप्ट करने से पहले दंपती को बच्चा दिखाया जाता है। स्वीडिश दंपती ने नागौर आकर बच्चे को देखा तो गोद में भर लिया। दोनों की आंखों में खुशी के आंसू थे।