Swati Sharma : राजस्थान की स्वाति शर्मा WTO में बनीं लीगल ऑफिसर, हिन्दी मीडियम से पढ़कर हुईं सफल
झुंझुनूं, 28 दिसम्बर। गांव में पैदा हुईं 29 वर्षीय स्वाति शर्मा अब दुनिया के सबसे बड़े व्यापारिक संस्थान डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) में काम करेंगी। संभवतया स्वाति शर्मा राजस्थान की वो पहली युवती है, जो WTO में लीगल अफेयर ऑफिसर बनीं है।
स्वाति शर्मा WTO लीगल ऑफिसर का इंटरव्यू
वन इंडिया हिंदी से बातचीत में स्वाति शर्मा और उनके भाई नीरज शर्मा ने छोटे से गांव काजड़ा से WTO तक का पूरा सफर बयां किया। स्वाति शर्मा जनवरी 2022 में स्विट्जरलैंड के जिनेवा स्थित विश्व व्यापार संगठन कार्यालय में ज्वाइन करेंगी।
कौन हैं WTO की लीगल अफेयर ऑफिसर स्वाति शर्मा
स्वाति शर्मा मूलरूप से राजस्थान के झुंझुनूं जिले के सूरजगढ़ उपखंड के गांव काजड़ा की रहने वाली है। शुरुआती पढ़ाई गांव काजड़ा से की। इसके बाद सूरजगढ़ और चिड़ावा के स्कूल में पढ़ाई की। देहरादून के कॉलेज से लॉ की डिग्री ली।
इंटर्नशिप के बाद WTO में मौका
भाई नीरज शर्मा ने बताया कि 2019 में छोटी बहन स्वाति स्विट्जरलैंड चली गई थी। वहां पर एलएलएम की डिग्री प्राप्त की और फिर डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) में छह माह तक की इंटर्नशिप की। अब स्वाति को WTO में जॉब का मौका मिला है।
स्वाति शर्मा का परिवार
स्वाति शर्मा बताती हैं कि उनके दादा महावीर प्रसाद शर्मा डीईओ पद रिटायर हो चुके हैं। दादी तारामणी देवी गृहिणी हैं। पिता शिवकुमार शर्मा शिक्षा विभाग में जेईएन पद पर सेवाएं दे रहे हैं। माता सविता देवी गृहिणी हैं। बड़े भाई नीरज शर्मा व अभिषेक शर्मा नेटवर्क मार्केटिंग का काम करते हैं।
गांव में खुशी का माहौल
नीरज शर्मा कहते हैं कि उनकी बहन WTO में काम करेंगी। इससे परिवार व गांव में खुशी का माहौल है। फिलहाल स्वाति गांव आई हुई है। जल्द ही जिनेवा जाएगी। जनवरी मे इसे डब्ल्यूटीओ के लीगल अफेयर ऑफिसर के पद पर ज्वाइन करना है।
ठान लें तो कोई लक्ष्य मुश्किल नहीं
मीडिया से बातचीत में स्वाति शर्मा कहती हैं कि कोई भी लक्ष्य मेहनत और हौसलों से हासिल किया जा सकता है। इंसान मन में ठान ले की उसे कामयाब होना है और एक उद्देश्य के साथ काम करे तो फिर कोई बाधा उसे नहीं रोक सकती
अपने परिवार से इकलौती लॉ स्टूडेंट
कानून की पढ़ाई करने वाली स्वाति शर्मा अपने परिवार में इकलौती शख्स हैं। कॉलेज में लॉ करने वाले अधिकतर स्टूडेंट का बैक ग्राउंड लॉ से ही था। किसी के पिता जज थे, किसी के नामी वकील। उन्हें पूरी गाइडेंस भी मिल रही थी। उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती उनके लॉ करियर को सही दिशा देना था जिस से की वो अपने और समाज के लिए भी कार्य कर पाए।
इनका मिला साथ
स्वाति की मानें तो साल 2020 की जुलाई में लॉ की पढ़ाई पूरी हो गई थी। अपने सपने पूरे करने के लिए दुनिया के टॉप लॉ इंस्टिट्यूट में रिसर्च के लिए ट्राई शुरू किया। इस बीच उनके मेंटर्स Dr रीना पटेल और Dr थॉमस कॉटियर ने पूर्ण तरीके से हौसला अफजाई की जिसका परिणाम यह है कि उन्हें लंदन में इंटरनेशनल ट्रेड लॉ में रिसर्च का अवसर मिला जिसके साथ ही उन्होंने वर्ल्ड ट्रेड इंस्टीट्यूट के निदेशक पीटर वन देन बॉस के साथ एक रिसर्च प्रोजेक्ट पर कार्य किया। उन्होंने बेल्जियम के एक लॉ फर्म के साथ 4 माह की ट्रेनिंग ली। जिसके बाद उन्हें WTO OMC में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। स्वाति बचपन से ही बड़े मुकाम हासिल करने व उसके लिए परिश्रम करने का साहस रखती थी
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