'कुतिया मरने पर भी नेता शोक जताते हैं, आंदोलन में मारे गए किसानों पर कोई बोला तक नहीं'-राज्यपाल मलिक
झुंझनूं। तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन को लेकर मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने चिंता जताते हुए कहा है कि किसान आंदोलन लंबा चलना किसी के भी हित में नहीं है।
राजस्थान के झुंझुनूं में एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारे नेता ऐसे हो गए हैं कि कोई कुतिया भी मर भी जाए तो नेता तुरंत शोक संदेश जारी कर देते हैं, मगर आंदोलन में 250 किसान मारे गए तब कोई बोला तक नहीं। यह बात दर्दनाक है।
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राज्यपाल मलिक ने कहा कि सरकार यदि एमएसपी को कानून के दायरे में ले आए तो किसान आंदोलन का मसला सुलझ सकता है। ऐसा कोई मामला नहीं है, जिसका कोई समाधान नहीं होता। किसान आंदोलन के मामले में दोनों पक्षों के बीच दूरी भी अधिक नहीं है।
आंदोलन कर रहे किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य चाहते हैं। अब यह देशभर के किसानों का मुद्दा बनता जा रहा है। इसलिए किसान आंदोलन के संबंध में जल्द से जल्द समाधान निकाला जाना चाहिए। फिलहाल मैं संवैधानिक पद पर हूं। ऐसे में किसानों, नेताओं को सिर्फ सलाह ही दे सकता हूं। मेरी सिर्फ इतनी ही भूमिका है।