गहलोत-पायलट गुट में घमासान के बीच कमलनाथ को मिली अहम जिम्मेदारी, दिल्ली बुलाया गया
जयपुर, 26 सितंबर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कांग्रेस का अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है। लेकिन उनके बाद राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा। इसको लेकर कांग्रेस में ही घमासान मचा हुआ है। राजस्थान कांग्रेस के कुछ विधायक सचिन पायलट को अगला मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं। वहीं, गहलोत गुट के विधायक इसके पक्ष में नहीं हैं। हालांकि, गहलोत गुट के विधायकों को मनाया जा सके, इसको लेकर कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश भी कि, लेकिन निष्कर्ष नहीं निकल पाया। वहीं, अब पार्टी ने पायलट और गहलोत गुट के विधायकों के बीच मध्यस्थता कराने की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, कमलनाथ को सौंपी है।
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सूत्रों की मानें तो अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुटों के बीच मध्यस्थता लिए पार्टी ने कमलनाथ को पर्यवेक्षक बनाया है। वहीं, सूत्रों की तरफ से यह भी दावा किया जा रहा है कि पार्टी आलाकमान द्वारा बुलाए जाने के बाद कमलनाथ आज दिल्ली से रवाना होंगे। आपको बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट के दौरान भी कांग्रेस ने कमलनाथ को राज्य में AICC पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। बावजूद इसके महाराष्ट्र में सरकार गिर गई थी।
पायलट
समर्थकों
ने
लगाया
पोस्टर
सचिन
पायलट
समर्थक
विधायक
हाईकमान
से
उन्हें
मुख्यमंत्री
बनाने
की
मांग
कर
रहे
हैं।
इसको
लेकर
समर्थित
विधायकों
ने
जोधपुर
में
पोस्टर
भी
लगाया
है।
इस
पोस्टर
में
लिखा
गया
है-नए
युग
की
शुरुआत
और
सत्यमेव
जयते
!
ये
पोस्टर
जोधपुर
के
लगभग
हर
प्रसिद्ध
चौराहे
पर
लगे
हैं।
वहीं,
इससे
पहले
गहलोत
समर्थक
विधायकों
ने
हाईकमान
से
मांग
की
थी
कि
19
अक्टूबर
तक
गहलोत
के
विकल्प
का
चुनाव
न
किया
जाए।
इस
संंबंध
में
जानकारी
देते
हुए
कांग्रेस
के
केंद्रीय
पर्यवेक्षक
अजय
माकन
ने
कहा
कि
पार्टी
में
हितो
का
टकराव
प्रतीत
होता
है।
उन्होंने
कहा
कि
19
अक्टूबर
तक
इसलिए
भी
टाइम
मांगा
जा
रहा
है
ताकी
एक-एक
विधायक
से
बात
करके
पता
लगाया
जा
सके
कि
आखिर
में
विधायक
चाहते
क्या
हैं?
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