अब पाकिस्तानी दुल्हन ला सकेगा राजस्थान का महेन्द्र, एयर स्ट्राइक के कारण 45 दिन से अटकी थी बारात
Barmer News, बाड़मेर। पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के चलते बीते 45 दिन से अटकी एक बारात शुक्रवार को हिन्दुस्तान से पाकिस्तान के लिए रवाना हुई। पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर की यह बारात भारत-पाक के बीच चलने वाले थार एक्सप्रेस ट्रेन के जरिये पाकिस्तान पहुँचेगी। पाकिस्तान में एक महीने रहने के बाद बारात दुल्हन के साथ भारत वापस लौटेगी। 45 दिन के बाद बारात की रवानगी पर दूल्हे के चेहरे पर मुस्कान बिखरी नजर आई।
दूल्हे के रिश्तेदार अभयसिंह ने बताया कि 8 मार्च 2019 को राजस्थान के बाड़मेर जिले से बारात पाकिस्तान जाने वाली थी, लेकिन 14 फरवरी को पुलवामा हमला और फिर 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया और सरहदी जिले बाड़मेर में सैन्य हलचल बढ़ गई थी।
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भारत और पाकिस्तान के बीच बिगड़े हालातों को देखते हुए यह शादी स्थगित कर दी गई थी। बाड़मेर के गिराब गांव के महेंद्र सिंह ने अपनी शादी के लिए महीनों तक तैयारी की थी, दुल्हन के लिए कपड़े भी खरीद लिए थे, लेकिन अब पुलवामा और फिर एयर स्ट्राइक के बाद के हालातों को देखते हुए बारात पाकिस्तान नहीं जा पाई थी। शादी की तारीख को 45 दिन बीत जाने के चलते महेंद्र सिंह के घर में खुशियां का माहौल अब मायूसी में तब्दील हो गया था। अब फिर से मुहर्त निकला है तो नाते रिश्तेदारों में खुशी का माहौल है।
दूल्हा महेंद्र सिंह के अनुसार उसका रिश्ता पाकिस्तान के अमरकोट प्रांत के गांव की लड़की से तय किया गया था। 8 मार्च 2019 को शादी होने थी। थार एक्सप्रेस से बारात लेकर पाकिस्तान को रवाना होना था, मगर समय के हालात को देखते शादी टाल दी गई थी। दुल्हे महेंद्र सिंह के अनुसार शादी की पूरी तैयारी कर ली थी। तय समय पर शादी ना हो पाने से उन्हें कहीं ना कहीं दुख तो है ही लेकिन मैं और परिवार चाहता था कि देशों के बीच शांति का रिश्ता कायम हो और जल्द से जल्द तनाव खत्म हो।
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45 दिन बाद फिर नया मुहर्त निकला है, जिसमें महेंद्र की शादी होगी। वहीं महेंद्र सिंह थार एक्सप्रेस से शुक्रवार को रोज पाकिस्तान के लिए रवाना हुए। महेंद्र की बारात में 15 लोग हैं, जिसमें कुछ औरतें भी शामिल हैं। महेंद्र बताते है कि सिंध और हिन्द के बीच बेटी और रोटी का नाता बरकरार रहे, लेकिन सबसे पहले अमन बेहद जरूरी है।