Bhanwar lal Sharma : राजस्थान सरकार गिराने-बचाने में माहिर MLA भंवर लाल शर्मा कितनी सम्पति छोड़ गए?
राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता और चूरू जिले के सरदारशहर से विधायक पंडित भंवरलाल शर्मा (Bhanwar Lal Sharma) नहीं रहे। 77 साल की उम्र में भंवरलाल शर्मा का जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में 9 अक्टूबर 2022 को निधन हो गया। सोमवार दोपहर बाद सरदारशहर में उनको अंतिम विदाई दी गई।
सरपंच से विधायक बनने तक का सफर
चूरू जिले में सरपंच से सात बार विधायक बनने तक का सफर तय कर वाले भंवर लाल शर्मा राजस्थान की राजनीति के वो चेहरे थे जिन्हें प्रदेश सरकार गिराने और बचाने में महारत हासिल थी। भंवरलाल शर्मा अपनी बेबाक बयानबाजी के लिए भी पहचाने जाते थे। एक बार तो इन्होंने यहां तक कह दिया कि राहुल गांधी चार-पांच जोकरों से घिरे हुए हैं, उन्हें चापलूसों ने घेर रखा है।
भंवरलाल शर्मा का शपथ पत्र
पंडित भंवर लाल शर्मा लाखों की सम्पति के मालिक थे। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 के शपथ पत्र में शर्मा ने अपनी सम्पति का ब्यौरा दिया था, जिसमें उन्होंने पति पत्नी के पास 70 लाख रुपए की सम्पति बताई। इस सम्पति में हाथ में नकदी, बैंक जमा व जेवरात का मूल्य शामिल था। साल 2022 में सम्पति का मूल्य कम ज्यादा भी हो सकता है।
भंवर लाल शर्मा के बैंक खातों में पैसा
सरदारशहर से कांग्रेस की सीट पर विधायक को चुनाव लड़ते समय चुनाव आयोग को पेश किए गए शपथ पत्र में भंवर लाल शर्मा ने बताया कि 18 अक्टूबर 2018 को उनके पास 71 हजार व पत्नी के पास 61 हजार रुपए नकदी है। इनके अलावा भंवर लाल शर्मा के बैंक खातों में 16 लाख 50 हजार रुपए व पत्नी के बैंक खातों में 72 हजार 447 रुपए जमा थे।
भंवर लाल शर्मा के पास भूमि व आवास
शपथ पत्र के अनुसार सरदारशहर विधायक भंवरलाल शर्मा व उनकी पत्नी के नाम पर गांव जैतासर में भूमि। जयपुर व सरदारशहर में आवासीय भवन। पत्नी के पास 1500 ग्राम सोने के जेवर जो अनुमानित लागत 50 लाख रुपए और चांदी के बर्तन 5 किलो अनुमानित लागत दो लाख रुपए। शर्मा ने जयपुर एसबीआई से 9 लाख 38 हजार 745 का लोन भी ले रखा था।
विधायक भंवरलाल शर्मा की जीवनी
-भंवरलाल शर्मा मूलरूप से राजस्थान के चूरू जिले के सरदारशहर के वार्ड 34 के रहने वाले थे।
-भंवर
लाल
शर्मा
का
जन्म
17
अप्रैल
1945
को
माणकराम
व
पार्वती
देवी
के
घर
हुआ।
-राजनीति
में
कदम
रखने
के
बाद
साल
1962
को
भंवरलाल
शर्मा
जैतसीसर
गांव
के
सरपंच
बने
थे।
-1982
तक
सरपंच
रहने
के
बाद
सरदारशहर
पंचायत
समिति
के
प्रदान
चुने
गए।
-साल
1985
में
लोकदल
से
पहली
बार
विधानसभा
चुनाव
लड़ा
और
जीते।
-पहली
बार
विधायक
बनने
के
बाद
भंवरलाल
शर्मा
ने
जनता
दल
पार्टी
ज्वाइन
कर
ली
और
1990
में
दूसरी
बार
विधायक
बने।
-साल
1996
में
उपचुनाव
जीतकर
विधानसभा
पहुंचे।
इसके
बाद
साल
1998,
2003,
2013
व
2018
में
विधायक
चुने
गए।
शेखावत सरकार बचाने में भंवरलाल शर्मा की भूमिका
बता दें कि ब्राह्मण समाज से ताल्लुक रखने वाले भंवर लाल शर्मा की राजस्थान सरकार गिराने की कोशिश और बचाने में भी भूमिका रही है। साल 1990 में भाजपा एवं जनता दल की संयुक्त मोर्चा की सरकार में आडवाणी की रथ यात्रा के विरोध में जनता दल के सात कैबिनेट मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था। तब भैरोंसिंह शेखावत की सरकार अल्पमत में आ गई थी। उस वक्त दिग्विजय सिंह की अगुवाई में जनता दल के 22 विधायक होकर जनता दल दिग्विजय का गठन किया और समर्थन देकर शेखावत की सरकार को बचाया था। उसमें भंवरलाल शर्मा की भूमिका अहम थी।
गहलोत सरकार गिराने में भंवरलाल शर्मा की भूमिका
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में भंवरलाल शर्मा सातवीं बार विधायक चुने गए थे। राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार बनी। मंत्री नहीं बनाए जाने से खफा भंवरलाल शर्मा ने गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत कर डाली थी। ये सचिन पायलट खेमे में रहे। इसी खेमे ने साल 2020 में अशोक गहलोत की सरकार गिराने की कोशिश की थी। कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार गिराने की साजिश के आरोपों के चलते उसकी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता खत्म कर दी है।
भंवरलाल शर्मा की राहुल गांधी पर विवादित टिप्पणी
भंवरलाल शर्मा को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर विवादित टिप्पणी के चलते भी निलंबित होना पड़ा था। भंवरलाल ने कहा था कि राहुल गांधी चार-पांच जोकरों से घिरे हुए हैं, उन्हें चापलूसों ने घेर रखा है। राहुल गांधी और सचिन पायलट जैसे लोग राजनीतिक विरासत से आए हैं। तब कांग्रेस पार्टी ने उनके इस बयान पर उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था।