अशोक गहलोत की केंद्र सरकार से मांग, स्वास्थ्य बीमा योजना में हटाया जाए फिक्स प्रीमियम
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के दूसरे चरण को लॉन्च किया था। इस योजना का कुल खर्च 1800 करोड़ रुपए था, जिसमें से 1400 करोड़ राज्य सरकार वहन करेगी और 400 करोड़ रुपए केंद्र सरकार को देना है। इस बीच अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र की ओर से प्रीमियम फिक्स करने का मुद्दा भी उठाया। गहलोत ने कहा कि केंद्र ने इस योजना में प्रीमियम की राशि प्रति परिवार 1052 रुपए फिक्स कर दी जबकि टेंडर में प्रति परिवार 1662 का खर्च आ रहा है। इसमें भी केंद्र सरकार सिर्फ 60 प्रतिशत हिस्सेदारी दे रही है।
राज्य सरकार पर आएगा अधिक खर्चा
इसके अलावा केंद्र सरकार इस योजना में प्रीमियम की हिस्सेदारी सिर्फ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के दायरे में आने वाले 59 परिवारों के लिए ही दे रही है जबकि राज्य सरकार ने इसमें आर्थिक सांख्यिक सर्वे में शामिल 61 लाख परिवारों को भी शामिल किया है। इसका पूरा खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है।
पीएम मोदी के समक्ष उठाएंगे इस मुद्दे को- अशोक गहलोत
अशोक गहलोत ने कहा कि इस तरह तो राज्य सरकार पर इस योजना का अधिक खर्चा आएगा, इसलिए वो इस मुद्दे को लेकर पीएम मोदी से बात करेंगे कि इस योजना को नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट और सोशियो इकोनॉमिक कम्युनिटी सर्वे, दोनों को मिलाकर पूरे देश में लागू किया जाए और उस पर प्रीमियम में कैप भी हटाया जाए। साथ ही इसके बाद जो भी टेंडर आएंगे, उसमें राज्य सरकार की 60 और केंद्र की 40 प्रतिशत की साझेदारी हो।
योजना का 80 फीसदी खर्चा उठाएगी राज्य सरकार
आपको बता दें कि आयुष्मान भारत महात्मा गांधी योजना के दूसरे चरण के तहत 1 करोड़ से अधिक परिवारों को इसका लाभ पहुंचाया जाएगा। इस योजना में 1800 करोड़ रुपए का खर्च होगा, जिसमें से 80 पर्सेंट खर्चा राज्य सरकार देगी और 400 करोड़ केंद्र सरकार देगी।