शहीद सौरभ कटारा: 8 को शादी, 15 को डयूटी, 23 को शहीद, 25 को बर्थडे, पत्नी ने कंधा देकर किया सैल्यूट
भरतपुर। दिसम्बर का माह। 8 को शादी...। 15 को ड्यूटी पर वापसी...। 23 की रात को शहीद...। 25 को जन्मदिन... और 26 को अंतिम विदाई। ये तारीखें शहीद सौरभ कटारा से संबंधित, जो जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकी हमले मे शहीद हो गए। राजस्थान के भरतपुर जिले के रूपवास तहसील के गांव बरौली ब्राह्मण में गुरुवार सुबह 11 बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया।
शहीद सौरभ कटारा की शवयात्रा
22 वर्षीय शहीद सौरभ कटारा को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों लोग उमड़े। उनकी शवयात्रा कई किलोमीटर लंबी थी। 16 दिन पहले सौरभ कटारा के साथ शादी के बंधन में बंधी पूनम देवी ने शहीद पति की पार्थिह देह को कंधा देते हुए शमशाम पहुंची और आखिरी सैल्यूट भी किया।
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आतंकी हमले में हुए शहीद
बता दें कि रूपवास थाना इलाके के गाँव बरौली ब्राह्मण निवासी 22 वर्षीय सौरभ कटारा आर्मी की 28 राष्ट्रीय राइफल में तैनात था और उसकी ड्यूटी जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में थी। बीते सोमवार मंगलवार की रात आतंकियों की ओर से किए गए बम ब्लास्ट में सौरभ शहीद हो गए थे।
जन्मदिन मनाने आई थी पत्नी
सौरभ कटारा की शादी पूनम के साथ 8 दिसंबर को ही हुई थी। 16 दिसंबर को वह वापस ड्यूटी के लिए कुपवाड़ा गया था। 25 दिसम्बर को सौरभ कटारा का जन्मदिन था। पति को जन्मदिन का सरप्राइज देने के लिए पत्नी एक दिन पहले ही मायके से ससुराल आई थी। इसी दौरान सौरभ के शहीद होने की खबर आ गई।
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सौरभ के पिता भी थे फौज में
शहीद सौरभ कटारा के पिता नरेश कटारा भी आर्मी में थे। वे 2002 में सेवानिवृत हो गए। उन्होंने 1999 में कारगिल युद्द में भाग लिया था। सौरभ का बड़ा भाई गौरव कटारा खेती करता है। छोटा भाई अनूप कटारा एमबीबीएस कर रहा है। सौरभ आर्मी से छुट्टी लेकर 20 नवंबर को अपनी बहन दिव्या की शादी में आया था और बाद में फिर 8 दिसंबर को उसकी खुद की शादी थी।
वीरांगना की नहीं सूखी मेहंदी
सौरभ कटारा शादी से महज 16 दिन बाद ही शहीद हो गए। वीरांगना पूनम के हाथों की मेहंदी का रंग अभी फीका भी नहीं पड़ा था। शहीद के पिता नरेश कटारा ने कहा कि बेटे की शहादत पर गर्व है। सौरभ के छोटे भाई को भी फौज में भेजूंगा।