आचार्य महाश्रमण ने निकाली भारत जोड़ो यात्रा से 14 गुना बड़ी पदयात्रा, 2 देश व 23 स्टेट होकर पाली पहुंचे
भारत जोड़ो यात्रा चार दिसम्बर को मध्य प्रदेश से झालावाड़-कोटा के रास्ते राजस्थान में आगे बढ़ रही है जबकि आचार्य महाश्रमण की पदयात्रा का प्रवास सोमवार को राजस्थान के पाली जिले के सोजत क्षेत्र में रहा।
Acharya Mahashraman yatra Today : देश में राहुल गांधी की ओर से निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा के बीच दूसरी पदयात्रा भी चर्चा में है, जो भारत यात्रा से 14 गुना बड़ी है। हम बात कर रहे हैं जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें अधिशास्ता आचार्य महाश्रमण की पदयात्रा की, जो अब तक 52 हजार किलोमीटर की यात्रा पैदल तय करने के बाद अनवरत है।
आचार्य महाश्रमण की पदयात्रा भी राजस्थान में हैं
यह महज इत्तेफाक ही है कि इस वक्त राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा और आचार्य महाश्रमण की पदयात्रा भी राजस्थान में हैं। भारत जोड़ो यात्रा चार दिसम्बर को मध्य प्रदेश से झालावाड़-कोटा के रास्ते राजस्थान में आगे बढ़ रही है जबकि आचार्य महाश्रमण की पदयात्रा का प्रवास सोमवार को राजस्थान के पाली जिले के सोजत क्षेत्र में रहा।
एक करोड़ लोगों ने लिया नशा मुक्ति का संकल्प
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार वसुधैव कुटुम्बकम, विश्व कल्याण, अंहिसा के मकसद से निकाली जा रही पदयात्रा अब तक 2 देशों और 23 राज्यों से गुजर चुकी है। इस दौरान हजारों शहर, गांव-ढाणियों से गुजरे और एक करोड़ से अधिक लोग नशा मुक्त होने का संकल्प ले चुके हैं। साथ ही लोगों को प्रेम, नैतिकता, भाईचारा और सांप्रदायिक सौहार्द व अहिंसक समाज के लिए प्रेरित कर चुके हैं। पदयात्रा से प्रेरित होकर 50 लाख लोग शाकाहारी बन चुके हैं।
कौन हैं आचार्य महाश्रमण?
बता दें कि जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें आचार्य महाश्रमण हैं। ये तेरापंथ संगठन के तहत काम करने वाली सभी गतिविधियों का नेतृत्व करते हैं। आचार्य महाश्रमण का जन्म 13 मई 1962 को राजस्थान के चूरू जिले के सरदारशहर के झुमरमलजी और नेमादेवी दुगड़ के हुआ था। 5 मई 1974 में 12 साल की उम्र में आल्पआयु में ही दीक्षा ग्रहण की थी। इनका बचपन का नाम मोहन दुगड़ था। आचार्य महाप्रज्ञ के देवलोकगमन के बाद 13 मई 2010 को तेरापंथ जैन समाज के आचार्य महाश्रमण बने।
दांडी मार्च व भारत जोड़ा यात्रा से भी बड़ी पदयात्रा
बता दें कि आचार्य महाश्रमण की पदयात्रा अब तक 52 हजार किलोमीटर चल चुकी है जबकि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ओर से निकाली गई दांडी मार्च इससे 133 गुना छोटी है। 12 मार्च 1930 को गुजरात के साबरमती आश्रम से शुरू हुई पदयात्रा 6 अप्रैल को दांडी पहुंची थी। इसमें 390 किलोमीटर की दूरी तय की गई थी।
इधर, 7 सितम्बर 2022 से कांग्रेस के राहुल गांधी कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं, जो 3570 किलोमीटर की दूरी तय करके कश्मीर में पहुंककर सम्पन्न होगी। तय दूरी के लिहाज से आचार्य महाश्रमण की पदयात्रा भारत जोड़ो यात्रा से 14 गुना बड़ी है।
यहां से गुजरी आचार्य महाश्रमण की पदयात्रा
नेपाल व भूटान देश के अलावा भारत में राजस्थान, हरियाणा, यूपी, पंजाब, महाराष्ट्र, दिल्ली, मध्य प्रदेश, बिहार, असम, नागालैंड, मेघालय, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिसा, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, पुंडुचेरी, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना आदि में पदयात्रा पहुंच चुकी है। इस दौरान बाबा रामदेव, श्रीश्री रविशंकर, स्वामी अवधेशानंद, दलाई लामा, मौलाना अरशद मदनी, स्वामी निरंजनानंद आदि धर्मगुरुओं से मुलाकात भी हो चुकी है।
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