राजस्थान : गांव रोयल-सुहागपुरा में 10 हजार टन यूरेनियम का भंडार, देश को 40 साल तक मिल सकेगी बिजली
सीकर। राजस्थान के सीकर जिले के खंडेला उपखंड के गांव रोयल और सुहागपुरा इलाके देश को नई दिशा देने की ओर अग्रसर हैं। यहां पर यूरेनियम का भंडार मिला है। रोयल और सुहागपुरा की धरती में दबा 10 हजार टन यूरेनियम के कारण तीन हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
दस किमी के दायरे में होगा विकास
बता दें कि सीकर के खंडेला ब्लॉक में यूरेनियम का भंडार मिलने से यहां की तकदीर बदलना तय है। इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण छत्तीसगढ़ का जादूगोड़ा इलाका है। यूरेनियम की वजह से रोयल व सुहागपुरा के आस-पास के दस किलोमीटर के दायरे में विकास होगा।
खंडेला में खुलेगा परमाणु ऊर्जा केंद्रीय स्कूल
देश के जिस भी इलाके में यूरेनियम के भंडार मिलते हैं वहां सीबीएसई द्वारा परमाणु ऊर्जा केंद्रीय स्कूल खोला जाता है, जो खंडेला में खुलेगा। इसके अलावा यूरेनियम कॉरर्पोशन आफ इंडिया लिमिटेड कॉलोनी, अस्पताल, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, बारिश के पानी को रोकने के लिए डेम भी बनाया जाएगा।
ऐसे होगा खंडेला का विकास
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक यूरेनियम निकालने के लिए रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। कम से कम तीन से चार हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा मार्केट व रियल एस्टेट को भी लाभ होगा। प्रोजेक्ट से जो लाभ होता है, उसका दो फीसदी हिस्सा सीएसआर फंड में जाता है। जिला कलेक्टर को भी अलग से फंड मिलेगा, जो माइंस के दस किलोमीटर के दायरे में खर्च होगा।
जमीन से 80 फीट नीचे बन रही सुरंग
खंडेला से महज पांच किलोमीटर दूर स्थित गांव रोयल और सुहागपुरा में यूरेनियम निकालने के लिए जमीन के 80 फीट नीचे करीब एक किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जा रही है। पूरे प्रोजेक्ट पर करीब छह हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। आगामी एक दो साल में यूरेनियम निकालने का काम शुरू कर दिया जाएगा।जली मिलती है।
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