सिक्के गिनकर 8 साल में कैशियर ने कमा लिए साढ़े 5 करोड़, जब खुला राज, तो अधिकारियों के उड़े होश !
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ऐसा ही किस्सा घटा है, जहां एक कैशियर ने 8 साल तक थोड़े-थोड़े पैसों को जोड़कर साढ़े पांच करोड़ का गबन कर दिया।
रायपुर, 08 जून। कहते है थोड़ा-थोड़ा जोड़कर काफी बनाया जा सकता है। यह धारणा बचत के नजरिये बड़ी महत्त्वपूर्ण है,लेकिन कुछ लोग इसका गलत इस्तेमाल भी करते हैं। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ऐसा ही किस्सा घटा है, जहां एक कैशियर ने 8 साल तक थोड़े-थोड़े पैसों को जोड़कर साढ़े पांच करोड़ का गबन कर दिया।
सिक्के भरकर ले जाता था घर
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के राजेंद्रनगर स्थित यूनियन बैंक में कैशियर के द्वारा 5.59 करोड़ का गबन करने का मामला सामने आया है। मिली जानकारी के मुताबिक साल 2017 में कैशियर पद की जिम्मेदारी मिलने के बाद ही उसने करोड़ो कमाने का लक्ष्य तय कर लिया था। जांच में पता चला है कि आरोपी कैशियर किशन बघेल हर दिन अपने बैग में 10 रूपये के सिक्के और छोटे नोट भरकर घर ले जाता था।
21 अप्रैल 2022 की तारीख को रायपुर के पाश इलाके राजेंद्रनगर स्थित यूनियन बैंक में हड़कंप मच गया ,जब बैंक मैनेजर को पता लगा कि बैंक की तिजोरी से 5.59 करोड़ बड़ी रकम गायब है, जबकि बैंक रिकार्ड में पैसो का हिसाब बराबर दिखाई दे रहा था। मैनेजर तत्काल इस बात को भांप गए कि पैसों की यह हेराफेरी बैंक स्टाफ ने ही की है।
एक ही दिन में 2 करोड़ के सिक्कों का हुआ ट्रांजेक्शन
बैंक के बहीखाते की जांच से पता चला कि 25 मार्च को बैंक रिकार्ड में कैश 6.23 करोड़ रूपये थे, यह रकम 10 के सिक्कों के तौर में दिखाई गई थी । जांच करने पर जानकारी मिली कि 24 मार्च को सिक्के की शक्ल में कैश तीन करोड़ 46 लाख थे ,लेकिन अगली तारीख को यह पैसे 5 करोड़ 61 हो गए।
एक दिन में करीब 2 करोड़ के सिक्के गायब हो जाने के बाद बैंक कैशियर पर शक गया। जिस दिन लेजर मिलान किया जा रहा था, उस दिन आरोपी कैशियर बैंक में मौजूद था, लेकिन अगले ही दिन वह अपना मोबाइल नंबर बंद करके फरार हो गया। बैंक प्रबंधन ने अपनी आंतरिक जांच के आधार पर 6 जून को कैशियर के खिलाफ पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
बेटी के खाते में डाले 1 करोड़ रुपये
जांच में सामने आया कि आरोपी कैशियर ने अपने रिश्तेदारों के अकॉउंट में भी लाखों रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किए थे । उसने अपनी बेटी के खाते में ही 1 करोड़ से ज्यादा पैसे भेजे थे। बैंक प्रबंधन का कहना है कि बैंकों में ऑनलाइन ट्रांसफर दो चरण की जांच के बाद ही ट्रांसफर होते हैं,लिहाजा इस बात का शक जताया जा रहा है कि आरोपी कैशियर के अलावा इस करोड़ों रूपये के बैंक घोटाले में कोई और भी शामिल है। बहरहाल उस पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है।
बदला गया पूरा बैंक स्टाफ
वैसे तो बैंकों में हर दिन जमा होने वाले सिक्कों की गिनती करना जरूरी है, लेकिन इस प्रकरण में यह बात सामने आई है कि कैशियर बीते 8 सालों से सिक्कों की गिनती नहीं होने के कारण यह कांड कर पाया। बताया जा रहा है कि रिटेल सेक्टर के छोटे बड़े व्यापारी बैंकों में हर दिन बड़ी संख्या में सिक्के भी जमा करवाते हैं। यही सिक्के गोलमाल करने की वजह बने है। बहरहाल यूनियन बैंक का फर्जीवाड़ा फूटने के बाद प्रबंधन ने पूरा बैंक ही स्टाफ बदल दिया है। इस बैंक में मैनेजर से लेकर चपरासी तक को दूसरे बैंक में शिफ्ट कर दिया गया है।
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