रायबरेली में दारू के ठेके पर शराबी बंदर का आतंक, फाड़ देता है लोगों और दुकानदार के पैसे
आज तक आपने इंसानो को तो शराब की लत से तड़पड़ते देखा होगा पर क्या हो अगर कोई बंदर शराब के लिए उत्पात मचाने लगे। ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है उत्तर प्रदेश के रायबरेली में जहाँ एक दारूबाज बंदर मुसीबत का सबब बन गया है। दारू के लिए यह बंदर कुछ भी कर सकता है। यहां तक कि इसे दारू पीने को न मिले तो ठेके पर उत्पात भी मचाने से इसे परहेज नहीं। ठेके के अंदर घुसकर ग्राहक से लेकर सेल्समैन तक सबको डराता है। जब तक इसे दारू की बोतल न दी जाए, यह बंदर न तो खुद चैन से बैठता है न ही किसी और को बैठने देता है।

गुल्लक में रखे पैसे भी फाड़ देता है
पूरा मामला दरअसल रायबरेली के दीन शाह गौरा ब्लॉक का है। दारू के ठेके पर एक बंदर का आतंक फैला हुआ है। दारू की बोतल न मिले तो इसे न तो ग्राहकों की जेब फाड़ने से कोई रोक सकता है और न ही ठेके के गुल्लक में रखे पैसे फाड़ने से। खास बात यह कि सुबह ठेका खुलने के समय और आखिरी बार दुकान बंद होने से पहले इस बंदर को दिन में दो बार कम से कम आधी बोतल शराब की चाहिए होती है। इसे लेकर ठेका मालिक समझ नहीं पा रहा कि इस शराबी बंदर की शिकायत आखिर करें तो करें किस्से। उधर दारूबाज बंदर का वीडियो वायरल हुआ तो ज़िला आबकारी अधिकारी ने खुद ही इसे लेकर वन विभाग से संपर्क करने की बात कही है।
ठेके के सेल्समेन बताते हैं कि ये बंदर पैसे फाड़ देता है, लोगों के हाथ से सामान चीन लेता है और इससे हम बहुत परेशान हैं। कई बार तो इसने ग्राहकों के ऊपर हमला भी कर दिया पर किस्मत से अभी तक किसी को इस बंदर ने काटा नहीं है। अगर इसको जल्द पकड़कर जंगल नहीं भेजा गया तो हमारा यहाँ काम करना तो मुश्किल होगा ही परन्तु ग्राहक भी यहाँ आना बंद कर देंगे। वहीँ जिलाधिकारी का इसपर कहना है की पूरा मामला संज्ञान में ले लिया गया है और जल्द से जल्द इसपर कार्यवाही की जाएगी।

क्यों बना यह बंदर शराबी?
जानकारी के मुताबिक यहां संचालित ठेकों पर आने वाले किसी व्यक्ति ने एक बार बंदर के सामने बियर की केन रख दी थी। बंदर ने पेय पदार्थ समझकर उसे पिया तो थोड़ी देर में ही लड़खड़ाता हुआ एक स्थान पर जाकर बेथ गया । हंसी मजाक में की गई यह हरकत ठेका संचालकों के लिए मुसीबत बन गई। शाम होते-होते बंदर एक बार फिर ठेके पर पहुंचा और एक ग्राहक के हाथ से दारू छीन कर पी गया। बताया जा रहा है कि तब से अब तक बंदर लगातार कभी ठेके पर उत्पात मचाकर दारू की बोतल ले जाता है और कभी ग्राहक के हाथ से छीन कर भाग जाता है। अब लोगों को आशंका यह है कि अगर वन विभाग ने इसे पकड़ कर जंगल में छोड़ भी दिया तो नशे का आदी यह बंदर वहां कितने दिन टिकेगा।

इंसानों में शराब पीने की आदत बंदरों से ही आयी है
सोशल मीडिया पर अक्सर हम बंदरों को इंसानों की तरह हरकत करते हुए तस्वीर या वीडियो वायरल होते हुए देखते हैं। बंदरों की बहुत सारी आदतें इंसानों से मिलती है। कई बार हम बंदरों को सीधे खड़े होकर चलते हुए देखते हैं, तो कई बार बंदर साइकिल चलाते हुए भी देखे जाते हैं
हम लोगों ने कई बार बंदरों को दारू पीते हुए भी देखा है। इंसानों के बीच भी शराब पीने की आदत पाई जाती है। अब एक शोध में यह सामने आया है कि इंसानों में शराब पीने की आदत बंदरों से ही आयी है।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के जीवविज्ञानी रॉबर्ट डुडले ने जारी अपनी पुस्तक 'द ड्रंकन मंकी: व्हाई वी ड्रिंक एंड एब्यूज अल्कोहल' में प्रकाश डाला, कि शराब के लिए मानव आकर्षण लाखों साल पहले पैदा हुआ था, जब हमारे वानर और बंदर पूर्वजों ने गंध की खोज की थी। शराब ने उन्हें पके और पौष्टिक फलों के लिए प्रेरित किया।
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