पंजाब: नए CM मान ने कहा था- कोई रिश्वत मांगे तो रिकॉर्डिंग मुझे भेज देना, किसान ने भेजी, और फिर..
संगरूर। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद से कानून व्यवस्था में कई बदलाव देखने को मिले हैं। नए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ऐलान किया था कि, वे बेहतर ढंग से सरकार चलाएंगे। उन्होंने कहा था कि, आपराधिक गतिविधियां काबू की जाएंगी और रिश्वतखोरी पर भी लगाम लगाई जाएगी। उन्होंने आमजन को संबोधित करते हुए कहा था कि, यदि कोई आपसे रिश्वत मांगे तो मना मत करना, बल्कि उसकी रिकॉर्डिंग करके मुझे भेज देना। अब यहां के एक किसान ने ऐसा ही किया, जैसा मुख्यमंत्री मान ने करने के लिए कहा था।

CM के बताए नंबर पर किसान ने भेजी रिकॉर्डिंग
हां जी, संगरूर से कुछ किमी दूर स्थित गांव सलार निवासी अमरजीत सिंह से रिश्वत मांगी गई थी। अमर वो किसान है, जिनके पिता की मौत हो गई थी, और फिर जमीन उसके नाम होनी थी। मगर, इस काम को बजाए फर्ज मानने के, पटवारी और नंबरदार ने अमर से पैसे मांगे। जमीन का इंतकाल करने के बदले मांगी गई रिश्वत का अमर ने वीडियो रिकॉर्ड कर लिया। उसके बाद वीडियो मुख्यमंत्री के बताए गए कॉन्टेक्ट नंबर भेज दिया। बस फिर क्या था, विजिलेंस टीम ने इस मामले में आरोपी पटवारी, नंबरदार, पटवारी के निजी सहायक के विरुद्ध मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

जमीन का रकवा बेटों के नाम पर होना था
मामले के बारे में डीएसपी विजिलेंस सतनाम सिंह विर्क ने बताया कि, आरोपियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि, पड़ताल में सामने आया है कि, गांव सलार निवासी अमरजीत सिंह, जो कि पांच भाई हैं। उनके पिता की 2017 को मौत हो गई थी। पिता ने सभी भाइयों के नाम पर वसीयत करवाई हुई थी। रजिस्टर वसीयत के आधार पर अपने रकबे की विरासत का इंतकाल करवाना था। इसलिए जनवरी 2022 में, अमर के भाई बलजिंदर सिंह व तरलोचन पटवारी दीदार सिंह के पास गए थे। 21 मार्च को जब उन्होंने इंतकाल संबंधी बात की तो दीदार सिंह ने कहा कि इंतकाल तभी नायब तहसीलदार के पास पेश करेगा, जब 15 हजार मिलेंगे।
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आखिरकार धरे गए पटवारी और नंबरदार
यह सुनकर अमर और उनके भाइयों का माथा ठनकने लगा। मगर, जैसा कि अब (मार्च में) पंजाब की सरकार बदल चुकी थी, और नए मुख्यमंत्री ने रिश्वतखोरों पर कार्रवाई की युक्ति बताई थी, इसलिए किसान भाइयों ने उसी तरह रिश्वतखोरों पर कार्रवाई करवाने का मन बनाया। उन्होंने दीदार सिंह को 15 हजार के बजाए 10 हजार में राजी कर लिया और उन्होंने 10 हजार रुपए नंबरदार को दे दिए। हालांकि, इस दौरान उन्होंने वीडियो भी बना लिया था। उसके बाद उसकी शिकायत उन्होंने एंटी करप्शन एक्शन लाइन पर की। कई दिनों तक जांच-पड़ताल चली। मामला सही पाए जाने पर, अब पुलिस-प्रशासन ने पटवारी दीदार सिंह और तलविंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।