Punjab Elections 2022: आप की चल रही है सिद्धू से बात, अकाली दल-बसपा में मची तकरार
पंजाब में विधानसभा चुनाव के दिन जैसे-जैसे क़रीब आ रहे हैं वैसे-वैस पंजाब की सियासी फ़िज़ा भी बदल रही है अटकलों का बाज़ार भी गर्म है।
चंडीगढ़,
अक्टूबर
28,
2021।
पंजाब
में
विधानसभा
चुनाव
के
दिन
जैसे-जैसे
क़रीब
आ
रहे
हैं
वैसे-वैस
पंजाब
की
सियासी
फ़िज़ा
भी
बदल
रही
है
अटकलों
का
बाज़ार
भी
गर्म
है।
कई
तरह
के
क़यास
लगाए
जा
रहे
हैं,
जो
कि
इशारा
करते
हैं
की
पंजाब
में
सियासी
समीकरण
कई
मायने
में
बदल
सकते
हैं।
राजनीतिक
दलों
के
बीच
अंदरखाने
जो
हलचल
हो
रही
वो
इस
बात
का
साफ
इशारा
कर
रही
है
कि
पंजाब
के
चुनावी
रण
में
काफ़ी
बदलाव
देखने
को
मिल
सकता
है।
बहुजन समाज पार्टी में पड़ सकती फूट
पंजाब विधानसभा चुनाव में पहली बार भारतीय जनता पार्टी से अलग होकर शिरोमणि अकाली दल ने बहुजन समाज पार्टी के साथ चुनावी रण में उतरने का फ़ैसला लिया है। चुनाव के मद्देनज़र शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन के साथ चुनाव तो लड़ रही है लेकिन अंदर ही अंदर बहुजन समाज पार्टी के नेता और कार्यकर्ता बसपा सुप्रीमो मायावाती के फ़ैसले से नाराज़ भी चल रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि जिस क्षेत्र में उन्होंने मेहनत की और जहां बहुजन समाज पार्टी की पकड़ थी वहां की सीट शिरोमणि अकाली दल को दे दी गई है। इस तरह से बहुजन समाज पार्टी विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएगी। इसलिए पार्टी आलाकमान को इस मुद्दे पर फिर से विचार विमर्श करना चाहिए। सूत्रों की मानें तो अगर बहुजन समाज पार्टी ने इस मामले में कोई ठोस क़दम नहीं उठाया तो चुनाव से पहले ही बसपा में दरार पड़ सकती है और कहीं ना कहीं शिअद और बसपा गठबंधन भी कमज़ोर पड़ सकता है।
पंजाब कांग्रेस भी हो सकती है दो फाड़
अब पंजाब कांग्रेस की बात की जाए तो यहां भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, जिस तरह से पार्टी में सियासी घमासान मचा हुआ है उससे कांग्रेस के कई नेता अपने करियर को लेकर सोच में पड़े हुए हैं। सियासी गलियारों में यह भी हलचल है कि पंजाब कांग्रेस के कई नेता पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की नई पार्टी का दामन थाम सकते हैं। वहीं कैप्टन भी यह संकेत दे चुके हैं कि अगर दूसरे दलों के नेता अपनी पार्टी छोड़ कर मेरे साथ आना चाहते हैं तो उन्हें सम्मान के साथ कैप्टन की पार्टी में जगह दी जाएगी। वहीं सूत्रों की मानें तो पंजाब कांग्रेस ऐसे नेताओं की सूची तैयार कर रही है जिन्हें कैप्टन अमरिंदर सिंह के समय और मुख्यमंत्री चन्नी के समय अनदेखा किया गया है। साथ ही ऐसे नेताओं की भी सूची तैयार की जा रही है जो ना तो खुल कर सिद्धू के समर्थन में थे और ना ही उनका कैप्टन की तरफ़ झुकाव था। पंजाब कांग्रेस यह कदम इसलिए उठा रही है क्योंकि पार्टी को लगता है कि ऐसे नेता जिन्हें कैप्टन और चन्नी दोनो के समय अनदेखा किया गया है वह बाग़ी तेवर अपना कर कैप्टन की पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
'आप' की चल रही सिद्धू से बात
केजरीवाल मुख्यमंत्री पद के दावेदार की घोषणा कर सकते हैं। सूत्रों की मानें तो आम आदमी पार्टी नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी में शामिल करने की पुरज़ोर कोशिश में लगी हुई है। अंदर खाने सिद्धू से इस मामले पर बात चल रही है। अगर नवजोत सिंह सिद्धू आम आदमी पार्टी का दामन थामते हैं तो पार्टी उन्हें सीएम पद का दावेदार घोषित कर सकती है। आम आदमी पार्टी की विधायक रूपिंदर रूबी ने के एक बयान से यह साफ़ ज़ाहिर है कि आम आदमी पार्टी की नवजोत सिंह सिद्धू से पार्टी में शामिल होने की बात चल रही है। आपको बता दें कि हाल ही रूपिंदर रूबी ने एक बयान में कहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू दोबारा से पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बना दिए गए हैं उनके पार्टी में आने का सवाल ही नहीं है इसलिए भगवंत मान को सीएम पद का दावेदार घोषित कर दिया जाए।
शिवसेना कार्यकर्ता करेंगे भाजपा की मदद
पंजाब में अगर भारतीय जनता पार्टी की चुनावी रणनीति की बात की जाए तो सबसे अलग हट कर भाजपा अपने हिंदुत्व की छवि को बरक़रार रखते हुए हिंदू वोटर को लामबंद करने की कोशिश में है। भाजपा पंजाब में हिंदू मुख्यमंत्री बनाने के एजेंडे के साथ प्रचार-प्रसार तेज़ करेगी और शिवसेना का स्थानीय कैडर इसमें उसकी मदद करेगा। जल्द शिवसेना की पंजाब ईकाई के कार्यकर्ता भाजपा के पक्ष में वोट मांगते हुए नज़र आएंगे।
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