फिर ऐक्शन में आए नवजोत सिंह सिद्धू, सोनिया गांधी को खत लिखकर दिया 13 पॉइंट्स वाला 'आखिरी मौका'
चंडीगढ़, 17 अक्टूबर: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से पार्टी के जी-23 नेताओं को कोई भी बात रखने के लिए सार्वजनिक मंचों के इस्तेमाल पर टोकने के एक दिन बाद ही पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू फिर से ऐक्शन में लौट आए हैं। उन्होंने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के खुद को ही पूर्णकालिक अध्यक्ष घोषित करने के अगले दिन 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों के मद्देनजर 13 सूत्री एक एजेंडा भेजा है। यही नहीं उन्होंने वह 13 पॉइंट भी साझा किए हैं, जिसपर उन्होंने सोनिया से पंजाब सरकार के लिए निर्देश मांगे हैं। जबकि, सोनिया ने कहा था कि पार्टी से जुड़े मुद्दे पार्टी के भीतर ही जाहिर किए जाने चाहिए। बहरहाल, सिद्धू ने अपने अंदाज में जो 13 पॉइंट्स पार्टी हाई कमान को भेजे हैं, उसमें पंजाब में कांग्रेस की राजनीति के मद्देनजर कई बड़ी बातें हैं।
पंजाब चुनाव के एजेंडे पर चर्चा के लिए सोनिया से मांगा वक्त
सोनिया गांधी को लिखे खत में सिद्धू ने पार्टी अध्यक्ष से निजी मुलाकात की भी मांग की है, ताकि वह अपने उन 13-सूत्री एजेंडे को भी उनके साथ विस्तार से साझा कर सकें, जिसे वे प्रदेश में पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में भी शामिल कराना चाहते हैं। उन्होंने लिखा है, 'मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे व्यक्तिगत रूप से आपके सामने 13-सूत्री एजेंडा पेश करने का मौका दें, जिसे 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र का हिस्सा बनाया जा सके......जो लंबे समय तक लागू करने के अपने दीर्घकालिक दृष्टिकोण के आधार पर इससे अलग है, इसे शिक्षाविदों, सिविल सोसाइटी, पार्टी कार्यकर्ताओं और पंजाब के लोगों से फीडबैक के माध्यम से तैयार किया गया है।'
'लाखों करोड़ की कर्ज में डूबा पंजाब'
इस बीच सिद्धू ने 15 अक्टूबर को लिखी तीन पन्नों की जो चिट्ठी रविवार को ट्विटर पर शेयर किया है, उसमें उन्होंने उन 13 पॉइंट्स का विस्तार से जिक्र किया है, जिसपर कांग्रेस की प्रदेश सरकार को अभी काम करना है। कुछ हफ्ते पहले ही प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा भेजने वाले सिद्धू के मुताबिक यह पार्टी के पास 'आखिरी मौका' है। बता दें कि बाद में कांग्रेस आलाकमान ने उनसे इस्तीफा वापस लेने को कहा और वह मान भी गए और अपने पद पर बने हुए हैं। करीब साढ़े चार साल से अमृतसर से कांग्रेस के विधायक सिद्धू ने सोनिया को लिखा है कि, 'दशकों तक पंजाब देश का सबसे अमीर राज्य था और आज यह भारत का सबसे अधिक कर्जदार राज्य है। पिछले 25 वर्षों में घोर वित्तीय कुप्रबंधन और सार्वजनिक संसाधनों के डायवर्जन के कारण कुछ ताकतवर लोगों को अमीर बनाने और राज्य को कर्ज में डूबे रहने देने के कारण पंजाब लाखों करोड़ के कर्ज में डूबा हुआ है।'
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इन13 पॉइंट्स पर मांगा सोनिया से निर्देश
पार्टी अध्यक्ष को लिखे खत में उन्होंने पंजाब के लिए अभी जो 13 पॉइंट्स वाला मुद्दा उठाया है, वे हैं-
1- पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के अनादर के दोषियों पर कार्रवाई हो। कोटकपूरा गोलीकांड पर भी कार्रवाई की मांग की है।
2- एसटीएफ ने पंजाब में ड्रग्स ट्रैफिकिंग के मामले में जिन बड़े लोगों का हाथ बताया है, उनके खिलाफ उन्होंने ऐक्शन की मांग की है।
3- कृषि प्रधान राज्य होने के नाते किसानों की समस्याओं को दूर करने की मांग की गई है और केंद्र के तीन कृषि कानूनों पर भी रुख साफ करने को कहा गया है।
4- पंजाब को बिजली समस्या से छुटकारा दिलाने और 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ ही ग्रामीण इलाकों में इस समस्या को मिटाने की मांग की गई है।
5- पंजाब पॉवर कॉर्पोरेशन पर व्हाइट पेपर जारी करने की मांग के साथ ही देश में कोयले की किल्लत पर भी स्थिति साफ करने को कहा गया है। उन्होंने सस्ते सोलर एनर्जी पर काम करने की भी मांग की है।
6- उन्होंने कैबिनेट में कम से कम एक मजहबी सिख, दोआबा के दलित, दो पिछड़ी जातियों के प्रतिनिधि शामिल करने की भी सलाह दी है। उन्होंने सरकार से उम्मीद की है कि वह अनुसूचित जातियों और पिछड़ी जातियों के हित में काम करेगी। उन्होंने आरक्षित संसदीय क्षेत्रों को कम से कम 25 करोड़ रुपये के स्पेशल पैकेज देने की भी वकालत की है और साथ ही साथ हर दलित को पक्का घर और कृषि लायक जमीन देने की भी मांग रखी है।
7- इस पॉइंट में उन्होंने रोजगार का मुद्दा रखा है। मसलन, खाली पड़े सरकारी पदों पर नियुक्तियां करने की भी उन्होंने मांग रखी है। उन्होंने टीचर्स यूनियन , डॉक्टरों, नर्स, लाइन मैन और सफाईकर्मियों की मांगें पूरा करने की भी वकालत की है।
8- कारोबारियों और उद्योगों के लिए उन्होंने सिंगल विंडो सिस्टम पर जोर दिया है।
9- इनके अलावा सिद्धू ने महिलाओं और युवाओं के विकास की भी बात पार्टी अध्यक्ष के सामने रखी है।
10- उन्होंने तमिलनाडु की तर्ज पर पंजाब सरकार को शराब के कारोबार पर एकाधिकार प्राप्त करने की वकालत की है। उन्होंने आंकड़े दिए हैं कि इससे राज्य को 20,000 करोड़ रुपये का लाभ होगा और रोजगार के भी मौके बनेंगे।
11- सिद्धू ने अपने इस्तीफे के बाद सैंड माइनिंग के आरोपों की वजह से एक मंत्री की ताजपोशी पर सवाल उठाया था और इस पत्र में भी उन्होंने सैंड माफिया का मसला उठाया है।
12- उन्होंने प्रदेश में परिवहन की सुविधा को ठीक करने को कहा है। उनका मानना है कि यह लोगों के लिए राहत तो देगा ही रोजगार के भी अवसर पैदा होंगे।
13- आखिरी पॉइंट में उन्होंने केबल माफिया का मसला उठाया है।
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— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) October 17, 2021 |
सिद्धू ने कहा कि डैमेज कंट्रोल का आखिरी मौका
सिद्धू ने कहा है कि 'यह अंतिम डैमेज कंट्रोल एक्सरसाइज हो सकता है नहीं तो, बादल के राज में संरक्षित माफिया-राज राज्य को वित्तीय आपातकाल, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और कृषि संकट के विस्तार की हद तक ले जाएंगे, जिससे कोई वापसी नहीं होगी। इसलिए मेरा आपसे अनुरोध है कि कृपया इन बिंदुओं पर विचार करें और राज्य सरकार को तुरंत पंजाब के लोगों के सर्वोत्तम हित में कार्य करने का निर्देश दें।'