क्या पंजाब में कानून का शासन खत्म हो चुका है ? जानिए क्यों उठ रहे हैं ऐसे सवाल
चंडीगढ़, 20 दिसंबर: पंजाब में दो दिनों के भीतर 'बेअदबी' के दो संदिग्धों की जघन्य हत्या कर दी गई। कपूरथला वाले में तो पुलिस 'बेअदबी' होने की भी पुष्टि नहीं कर रही है। लेकिन, फिर भी वहां जिस तरह से पुलिस की मौजूदगी में संदिग्ध को मार डाला गया और बाद में पुलिस को हत्या के आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने से भी रोक दिया गया, वह बहुत ही गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। चिंता की बात है कि राजनीतिक दल भी चुनाव के डर से इस तरह की जघन्य हत्याओं पर जुबान खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। ऐसे समय में जब देश का सुप्रीम कोर्ट आरोप साबित होने तक आरोपी को जेल में रखने से भी बार-बार अहमति जता रहा है, इस तरह की घटनाओं पर देश कब तक मौन रहेगा ?
दो दिन में 'बेअदबी' की दो वारदातों में दो हत्याएं
पंजाब में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में हुए 'बेअदबी' के वाक्ये से माहौल तनावपूर्ण है। ऊपर से कपूरथला में भी रविवार को ऐसी ही वारदात सामने आ चुकी है। इसलिए इन घटनाओं पर अब पूरे देश की नजर है। बड़ी बात ये है कि अभी तक पंजाब पुलिस मारे गए लोगों की शिनाख्त नहीं कर पाई है। कहा जा रहा है कि वह बायोमेट्रिक मिलान करके मारे गए लोगों को पहचानना चाहती है। यानी अगर उनके आधार कार्ड बने होंगे तो उनकी पहचान हो सकती है। साथ ही यह भी साफ होगा कि क्या दोनों घटनाएं किसी सामान्य साजिश का हिस्सा तो नहीं थीं? क्योंकि, अगर मारे गए दोनों युवक एक-दूसरे को जानते थे या उनके बीच कोई संबंध निकल आया तो इससे तफ्तीश को आगे का रास्ता मिल सकता है।
कपूरथला में पुलिस की मौजूदगी में संदिग्थ का कत्ल
कपूरथला के निजामपुर गांव के पास के गुरुद्वारे में जिस युवक को कथित तौर पर पवित्र 'निशान साहिब' के कथित अपमान के लिए हत्या की गई है, वह पुलिस की मौजूदगी की घटना है। यह घटना अमृतसर के दरबार साहिब में हुई लिंचिंग की घटना के कुछ घंटे बाद ही हुई। कपूरथला के मामले में पुलिस का कहना है कि वहां बेअदबी जैसा कुछ भी नहीं दिख रहा था। पुलिस के मुताबिक यह उन्हें चोरी का मामला दिखाई दे रहा है। हालांकि इस गुरुद्वारा के केयर टेकर अमरजीत सिंह का आरोप है कि संदिग्ध ने 'निशान साहिब' का अपमान किया था। कपूरथला के एसएसपी एचपीएस खाख के मुताबिक युवक को तीन घंटे तक गुरद्वारा में बंदी बनाए रखने के बाद अमरजीत सिंह ने पुलिस को इत्तला दी। पुलिस के मुताबिक उसने युवक को कब्जे में ले लिया था, लेकिन अमरजीत और दूसरों ने उसे वहां से ले जाने नहीं दिया और तब तक बड़ी तादाद में भीड़ जुट चुकी थी। चश्मदीदों के मुताबिक तलवार लिए कुछ युवक खिड़की तोड़कर संदिग्ध के कमरे में घुसे उसपर तब तक हमला किया, जब तक की उसकी मौत नहीं हो गई। पुलिस ने इस वारदात में अमरजीत को हिरासत में भी लिया था, लेकिन शाम तक विरोध की वजह से उन्हें छोड़ देना पड़ा।
पंजाब सरकार ने क्या ऐक्शन लिया है ?
पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने स्वर्ण मंदिर की 'बेअदबी' की घटना के पीछे दुर्भावनापूर्ण ताकतों का हाथ बताया है। उन्होंने चुनाव की वजह से भी साजिश की ओर इशारा करते हुए दावा किया है कि 'उन्हें बेनकाब किया जाएगा।' पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदरसिंह रंधावा जो कि राज्य के गृहमंत्री भी हैं, उन्होंने अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (लॉ एंड ऑर्डर) की अगुवाई में एक एसआईटी गठित की है, जो स्वर्ण मंदिर में हुई बेअदबी की घटना की जांच करेगी और दो दिनों के भीतर रिपोर्ट देगी। इस मामले में लिंचिंग के शिकार हुए आरोपी के खिलाफ पुलिस ने हत्या की कोशिश (क्योंकि मामला पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब से जुड़ा है) समेत धार्मिक भावना भड़काने का मामला दर्ज किया है।
जानिए पंजाब सरकार पर क्यों उठ रहे हैं ऐसे सवाल ?
अब जरा वापस कपूरथला मामले पर वापस लौटते हैं। इस मामले में पुलिस अपनी लाचारी और आरोपी पर चोर होने का संदेह जाहिर तो कर ही चुकी थी। बाद में जालंधर के जोनल आईजी गुरिंदर सिंह ढिल्लन और एसएसपी खाख ने एक प्रेस कांफ्रेस बताया कि इस मामले में दो मामले दर्ज किए गए हैं। एक तो मारे गए संदिग्ध के खिलाफ बेअदबी का और दूसरा उसकी हत्या और बाकी घटनाओं से संबंधित। बाकी घटनाओं में पुलिस अधिकारियों को उनकी ड्यूटी को बाधित करने और उनपर हमला करना भी शामिल है, क्योंकि कुछ पुलिस वाले जख्मी भी बताए जा रहे हैं। लेकिन, इसी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आईजी साहब को उनके मोबाइल पर एक फोन आता है और वे वहां से उठकर थोड़े अलग चले जाते हैं। जब वापस लौटते हैं तो कहते हैं कि अभी सिर्फ एक ही एफआईआर दर्ज किया जाएगा। बड़ा सवाल ये है कि उन्हें किसका फोन आया था, जिसने उन्हें कानून के मुताबिक कार्रवाई करने से रोक दिया ?(ऊपर की सभी तस्वीरें अमृतसर की हैं)
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क्या पंजाब में कानून का शासन खत्म हो चुका है ?
पंजाब में कांग्रेस की सरकार है, जो विधानसभा चुनावों की पूर्व संध्या पर इन घटनाओं का सामना कर रही है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और बड़े वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पंजाब में कानून के शासन को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने स्वर्ण मंदिर में हुई लिंचिंग की वारदात पर ट्विटर पर लिखा है, 'बेअदबी भयानक है, लेकिन सभ्य देश में लिंचिंग भी कम भयावह नहीं है। मैं अधिकारियों से अनुरोध करता हूं कि उन सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, जिन्होंने कानून को अपने हाथ में लिया और ऐसा करके एक उदाहरण पेश करें।' सबसे बड़ी बात ये है कि सत्ताधारी कांग्रेस को अगर छोड़ भी दें तो कोई भी राजनीतिक दल चुनावों के भय से यह सवाल नहीं उठा रहे हैं।