पंजाब में चुनाव लड़ रहे किसानों के संयुक्त समाज मोर्चा को चुनाव आयोग ने दी मान्यता, क्या है निशान?
अमृतसर। पंजाब में विधानसभा चुनाव लड़ रहे किसानों के संयुक्त समाज मोर्चा को चुनाव आयोग से मान्यता मिल गई है। हालांकि, ये मान्यता तब मिली जब संयुक्त समाज मोर्चा के उम्मीदवारों ने नामांकन के आखिरी दिन निर्दलीय उम्मीदवारों के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया। इससे पहले संयुक्त समाज मोर्चा के नेता लगातार खुद को पार्टी के तौर पर मान्यता दिलाने के लिए आयोग से अपील कर रहे थे।
100
से
ज्यादा
उम्मीदवार
उतार
चुका
मोर्चा
किसान
आंदोलन
का
चेहरा
रहे
गुरनाम
सिंह
चढूनी
भी
इस
मोर्चे
में
शामिल
हैं।
चढ़ूनी
के
साथ
मिलकर
स्थानीय
स्तर
पर
लोकप्रिय
बलबीर
सिंह
राजेवाल
भी
चुनाव
लड़
रहे
हैं।
दोनों
की
अगुवाई
वाला
संयुक्त
समाज
मोर्चा
अब
तक
100
से
ज्यादा
उम्मीदवारों
के
नाम
का
ऐलान
कर
चुका
है।
इस
मोर्चे
ने
दिसंबर
में
पंजाब
विधानसभा
चुनाव
लड़ने
की
घोषणा
की
थी।
दरअसल,
किसान
आंदोलन
में
शामिल
रहे
पंजाब
के
32
में
से
22
किसान
संगठनों
ने
चुनाव
लड़ने
के
लिए
बलबीर
राजेवाल
को
अपना
नेता
माना
था।
जिसके
बाद
यह
पक्का
हो
गया
कि,
किसान
प्रदर्शनकारी
चुनाव
में
उतरेंगे
और
चेहरा
राजेवाल
होंगे।
हालांकि,
समर्थन
देने
वाले
किसान
संगठनों
में
से
9
संगठन
बाद
में
चुनाव
लड़ने
के
फैसले
से
पीछे
भी
हट
गए।
Recommended Video
इस
तरह
अटकती
रही
बात,
अब
हुई
साफ
संयुक्त
समाज
मोर्चा
को
अब
चुनाव
आयोग
ने
पार्टी
के
तौर
पर
मान्यता
दे
दी
है।
बताया
जा
रहा
है
कि,
पहली
दफा
7
जनवरी
को
संयुक्त
समाज
मोर्चा
ने
राजनीतिक
पार्टी
के
गठन
के
लिए
चुनाव
आयोग
को
एप्लिकेशन
दिया
था,
लेकिन
चुनाव
आयोग
को
उनके
एप्लिकेशन
में
कई
खामियां
मिलीं।
जिसके
बाद
संयुक्त
समाज
मोर्चा
की
ओर
से
दोबारा
एप्लिकेशन
भेजा
गया।
हालांकि,
नॉमिनेशन
की
तारीख
तक
संयुक्त
समाज
मोर्चा
राजनीतिक
पार्टी
के
रूप
में
रजिस्टर
नहीं
हो
पाया।
आखिर
में,
अब
जाकर
संयुक्त
समाज
मोर्चा
को
पार्टी
के
तौर
पर
मान्यता
मिली
है।
इस
पार्टी
की
तरफ
से
ट्रैक्टर-ट्राली,
हल
जोतता
किसान
और
अकेली
ट्राली
चुनाव
चिन्ह
में
से
एक
चुनाव
चिन्ह
देने
की
मांग
की
गई
है।