पंजाब: सिद्धू के बाद अब 'यूथ कांग्रेस' ने बढ़ाया अमरिंदर का सिरदर्द, चुनाव से ठीक 6 महीने पहले दिया बड़ा झटका
पंजाब में 2022 को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, चुनाव के मद्देनज़र कांग्रेस पार्टी भी तैयारियों में जुट चुकी हैं। लेकिन पंजाब में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
चंडीगढ़,
सितंबर
10,
2021।
पंजाब
में
2022
को
विधानसभा
चुनाव
होने
वाले
हैं,
चुनाव
के
मद्देनज़र
कांग्रेस
पार्टी
भी
तैयारियों
में
जुट
चुकी
हैं।
लेकिन
पंजाब
में
कांग्रेस
की
मुश्किलें
बढ़
सकती
हैं।
विधानसभा
चुनाव
से
छह
महीने
पहले
यूथ
कांग्रेस
में
कई
पदों
पर
की
गई
सैकड़ों
नियुक्तियों
को
रद्द
कर
दिया
गया
है।
बताया
जा
रहा
है
कि
ये
नियुक्तियां
यूथ
कांग्रेस
के
संविधान
और
प्रोटोकॉल
के
मुताबिक
नहीं
की
गई
थी।
नियुक्तियां
रद्द
होने
से
यूथ
कांग्रेस
में
नाराज़गी
बढ़ने
के
आसार
हैं
जिसका
ख़ामियाज़ा
कांग्रेस
को
आगामी
विधानसभा
चुनाव
में
भुगतना
पड़
सकता
है।
इनमें
से
काफ़ी
तादाद
में
मौजूदा
कांग्रेस
विधायकों
और
आगामी
चुनाव
में
टिकट
के
दावेदारों
की
सिफारिशों
पर
नियुक्तियां
की
गईं
थीं।
सैंकड़ों
नियुक्तियां
रद्द
सियासी
सलाहकारों
की
मानें
तो
यूथ
कांग्रेस
में
नियुक्तियां
रद्द
करने
की
बड़ी
पंजाब
कांग्रेस
में
खेमेबाज़ी
भी
हो
सकती
है।
ग़ौरतलब
है
कि
सीएम
कैप्टन
अमरिदर
सिंह
और
पंजाब
कांग्रेस
अध्यक्ष
नवजोत
सिंह
सिद्धू
के
बीच
चल
रही
खींचतान
की
वजह
से
पंजाब
कांग्रेस
में
गुटबंदी
देखने
को
मिल
रही
है।
पंजाब
यूथ
कांग्रेस
के
अध्यक्ष
बरिदर
सिंह
ढिल्लों
का
ग्रुप
इस
वक़्त
नवजोत
सिंह
सिद्धू
के
साथ
चल
रहा
है।
यूथ
कांग्रेस
अध्यक्ष
ने
मौजूदा
कांग्रेसी
विधायक
और
कांग्रेस
के
हलका
इंचार्जों
की
सिफारिशों
पर
ही
नियुक्तियां
की
थी।
ऐसे
में
जिन्हें
पद
से
हटाया
गया
है
उनकी
नाराजगी
पार्टी
पर
भारी
पड़
सकती
है।
आपको
बता
दें
कि
विधानसभा
हलकों
में
नियुक्ति
के
लिए
नियुक्ति-पत्र
पर
यूथ
कांग्रेस
के
जिला
प्रधान
के
हस्ताक्षर
और
मुहर
होना
जरूरी
है।
जिसे
ज़िम्मेरी
दी
जाती
है
उसकी
यूथ
कांग्रेस
की
मेंबरशिप
भी
लाज़मी
होती
है।
इसके
बिना
नियुक्ति
को
वैध
नहीं
माना
जाता
है।
पंजाब पर 3 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का क़र्ज़ करप्ट सरकार की देन- बलविंदर कुम्हड़ा
पहले
ही
जारी
हो
चुकी
थी
सूची
आपको
बता
दें
कि
नियुक्तियों
पर
रोक
के
साथ
यह
भी
आदेश
दिया
गया
है
कि
अगर
भविष्य
में
कोई
भी
हलका
अध्यक्ष
बिना
जिला
प्रधान
की
मंजूरी
और
कांग्रेस
के
प्रोटोकॉल
के
नियुक्ति
करेगा
तो
उसके
ख़िलाफ़
सख़्त
कार्रवाई
भी
की
जाएगी।
आपको
बता
दें
कि
यूथ
कांग्रेस
में
मुख्य
पदों
पर
चयन
मतदान
के
जरिए
होता
है
लेकिन
कुछ
पदों
पर
राजनीतिक
लाभ
लेने
के
लिए
भी
नई
नियुक्तियां
कर
दी
जाती
हैं।
ग़ौरतलब
है
पंजाब
यूथ
कांग्रेस
के
अध्यक्ष
बरिंदर
सिंह
ढिल्लों
ने
28
अगस्त
को
एक
पत्र
जारी
कर
मीडिया
से
अपील
की
थी
कि
यूथ
कांग्रेस
के
नए
पदाधिकारियों
की
जो
सूची
सार्वजनिक
हुई
है
उसे
मीडिया
में
प्रचारित
नहीं
किया
जाए।
उन्होंने
कहा
था
कि
यह
सूची
किसी
वजह
से
रोक
दी
गई
है।
इनमें
कुछ
नाम
हटाए
जाएंगे
और
कुछ
नए
शामिल
किए
जाएंगे।
उस
वक़्त
सूची
रोकने
की
बड़ी
वजह
प्रोटोकॉल
के
तहत
नियुक्तियां
नहीं
करना
बताया
जा
रहा
था,
हाईकमान
ने
इस
पर
नाराज़गी
भी
ज़ाहिर
की
थी।
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ब्लॉक
अध्यक्ष
की
नियुक्ति
से
बढ़ी
हलचल
कैंट
हलके
में
भूपिदर
सिंह
जौहल
की
यूथ
कांग्रेस
के
ब्लाक
प्रधान
पद
पर
नियुक्ति
ने
यह
हलचल
पैदा
की
है।
कैंट
से
टिकट
के
दावेदार
इंप्रूवमेंट
ट्रस्ट
के
चेयरमैन
राजिदर
पाल
सिंह
राणा
रंधावा
की
मौजूदगी
में
यूथ
कांग्रेस
के
हलका
प्रधान
लक्की
संधू
ने
यह
नियुक्ति
की
थी।
नियुक्ति
के
कारण
कैंट
हलके
में
सियासत
गरमा
गई
है
और
चर्चा
यह
है
कि
मौजूदा
विधायक
परगट
सिंह
की
नाराजगी
के
बाद
भूपिदर
सिंह
जौहल
को
पद
से
हटाने
के
आदेश
जारी
हुए
हैं।
हालांकि
इस
वजह
से
कैंट
हलके
में
गुटबंदी
और
ज़्याजा
बढ़ने
के
आसार
हैं।
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