बिहार: IPS अधिकारी बन लोगों पर जमाता था रौब, एक गलती ने खोल दी पोल
Purnia News, पूर्णिया। बिहार के पूर्णिया जिले की पुलिस ने एक फर्जी आईपीएस (IPS) अधिकारी को गिरफ्तार किया है। जो खुद को एसएसपी बताकर लोगों और पुलिस अधिकारियों पर रौब जमा रहा था। इतना ही पकड़े गए फर्जी आईपीएस ने खुद को कई आतकंवादियों को पकड़ने का भी दावा लोगों के सामने किया था। अचानक उस फर्जी आईपीएस की पोल खुल गई और फिर उस नकली पुलिस को असली पुलिस ने सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
फर्जी आईपीएस अधिकारी गिरफ्तार
मामला पूर्णिया जिले के बनमनखी थाना क्षेत्र का है। गिरफ्तार फर्जी आईपीएस का नाम बमशंकर तिवारी (BamShankar tiwari) बताया जा रहा है जो बनमनखी का ही रहने वाला है। पूर्णिया एसपी विशाल शर्मा ने भी फर्जी आईपीएस बमशंकर तिवारी के गिरफ्तारी की पुष्टि की है। गिरफ्तार फर्जी पुलिस अधिकारी के पास से फर्जी आई कार्ड भी बरामद हुआ है जिसमे उसका नाम बमशंकर तिवारी, ओएसडी ग्रेड वन सेंट्रल पावर्ड, एजीएमयूटी कैडर लिखा है। बताया जाता है कि बमशंकर खुद को 2013 बैच का आईपीएस अधिकारी बताकर अपने गांव और आसपास के लोगों पर धौंस जमा रहा था।
ऐसे खुली पोल
फर्जी आईपीएस की पोल उस वक्त खुली जब उसने बनमनखी इलाके में सड़क किनारे भीख मांग रहे एक भिखारी को पकड़कर उसकी पिटाई कर दी। मौके पर मौजूद लोगों ने जब इसका विरोध किया तो उसने खुद को आईपीएस अधिकारी बताते हुए खुद के उत्तराखंड में पोस्टेड होने की बात कही। सूचना मिलने पर मौके पर बनमनखी एसडीपीओ विभाष कुमार पहुंचे तो उसने उनपर भी अपनी रौब दिखाते हुए भिखारी को आतंकवादी बताते हुए उसे गिरफ्तार करने का आदेश दे डाला।
क्या कहा पुलिस ने
एसपी विभाष कुमार ने बताया कि शक होने पर एसडीपीओ ने उसके आई कार्ड की जांच की तो मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बताया कि तसल्ली के लिए पुलिस ने भिखारी की भी छानबीन की और उसे सामान्य भिखारी पाया। बता दें कि पूर्णिया एसपी ने गिरफ्तार फर्जी आईपीएस बमशंकर तिवारी के फेसबुक प्रोफाइल को खंगाला तो उसमें भी उसकी पुलिस की वर्दी में कई फ़ोटो और पुलिसवालों के साथ खिंचाई कई तस्वीर मिली। पुलिस ने बमशंकर से जब कड़ाई से पूछताछ की तो उसने सारी बात उगल दी। पूछताछ में बमशंकर ने बताया की वह भी आईपीएस की परीक्षा में शामिल हुआ था जिसमे सफलता ना मिलने पर खुद की तसल्ली के लिए वो फर्जी आईपीएस बनकर लोगों पर रौब जमाता था।