नीतीश कुमार का शराबबंदी एक्ट है गैरकानूनी: पटना हाईकोर्ट
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पूरे बिहार में शराबंदी को लेकर बनाए गए कानून को पटना हाईकोर्ट ने गैरकानूनी ठहराया है।
आपको बताते चलें कि नीतीश कुमार ने अपनी चुनावी वादे को पूरा करते हुए बिहार में शराबबंदी को लेकर कानून बनाया था। इस कानून को 1 अप्रैल, 2016 से पूरे बिहार में लागू कर दिया गया था।
इससे पहले भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की पूरे देश में शराबबंदी की याचिका को आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
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क्या है शराबबंदी कानून और कितनी होगी सजा?
राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने उत्पाद विधेयक, 2016 को अपनी सहमति दे दी थी। इससे पहले करीब एक महीने के अध्ययन के बाद राज्यपाल ने विधेयक को अपनी सहमति देते हुए कहा कि इस विधेयक को पारित कराने में अपनायी गई विधायी प्रक्रिया से वह संतुष्ट हैं।
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- इस कानून के मुताबिक शराब पीकर या नशे में पाए गए तो सात साल तक की सजा और एक से 10 लाख तक का जुर्माना होगा।
- शराब के नशे में अपराध, उपद्रव या हिंसा की तो कम से कम 10 वर्ष की सजा, आजीवन कारावास और एक लाख से दस लाख तक का जुर्माना हो सकता है।
- किसी परिसर या मकान में मादक द्रव्य या शराब बरामद हुई, शराब पीते हुए या शराब बनाते पाए गए, बिक्री या बांटने हुए पाया गया तो 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले परिवार के सभी सदस्यों को तब तक को दोषी ठहराया जाएगा। जब तक वे अपने आप को निर्दोष साबित न कर दें।
- अवैध तरीके से शराब का भंडारण करने पर आठ से दस वर्ष तक की सजा और दस लाख तक का जुर्माना है।
- अवैध शराब व्यापार में महिला या नाबालिग को लगाया तो दस वर्ष से आजीवन कारावास और एक लाख से दस लाख तक का जुर्माना होगा।