आखिर क्यों हाफिज सईद पाकिस्तान के लिए है इतना स्पेशल
छह माह के लिए अपने ही घर में नजरबंद हुआ है मोस्ट वांटेंड आतंकी हाफिज सईद। पाकिस्तान में आईएसआई के समर्थन से आजाद घूमता और भारत के खिलाफ नीतियां बनाता है हाफिज सईद।
लाहौर। पाकिस्तान अथॉरिटीज ने सोमवार को छह माह के लिए लश्कर-ए-तैयबा के सरगना और मोस्ट वांटेंड आतंकवादी हाफिज सईद को नजरंबद कर दिया है। वहीं भारत ने इस पर कहा है कि उसे नजरबंद करना ही स्थायी हल नहीं है। इससे पहले भी पाकिस्तान से सईद के खिलाफ प्रतिबंध की बातें कहीं हैं लेकिन उसके बाद भी सईद खुलेआम भारत को धमकी देता नजर आया है।
कश्मीर है सबसे बड़ी वजह
हाफिज सईद एक ऐसा आतंकवादी जिसके सिर पर 10 मिलियन डॉलर का ईनाम अमेरिका ने घोषित किया है। इस ईनाम के बावजूद पाकिस्तान हमेशा ही उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई से बचता आया है। वह आज भी पाक में आतंकी ताकतों को बढ़ावा दे रहा है और पाक ने इस पर आंख मूंदी है। भारत हमेशा कहता आया है कि हाफिज सईद पाक इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई की मदद से आजाद घूमता है। जिस तरह से आईएसआई सईद के साथ पेश आती है उससे यह बात साफ हो जाती है कि यह शख्स भारत विरोधी नितियों को निर्धारित करने के लिए पाक और आईएसआई के लिए काफी अहम है। हाफिज हमेशा से ही भारत और कश्मीर के खिलाफ जहर उगलता आया है। इसी वजह से पाक सरकार और सेना उसे लेकर खामोश रहती है और कोई कार्रवाई नहीं करती है। जनरल-जिया-उल-हक ने हाफिज सईद की इन्हीं खूबियों की वजह से उसे काउंसिल ऑफ इस्लामिक स्टडी का सदस्य नियुक्त किया था। इसके अलावा वह लाहौर की यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में वह इस्लामिक टीचर बनाया गया था।
पाक का एक नया छलावा
हाफिज सईद की लड़ाई सिर्फ कश्मीर तक ही नहीं है बल्कि उसे इस बात का अहसास बहुत पहले ही हो चुका था कि उसके संगठन को और ज्यादा आकर्षण चाहिए। इसके लिए उसने भारत की कुछ खास जगहों को चुना और उन्हें अपना निशाना बनाया। इस तरह से वह दुनिया की नजरों में आ गया। सईद, पाक का वह आतंकी है जिसके संबंध आईएसआई के साथ पूरी तरह से बेदाग हैं। सईद ने ही वर्ष 2001 में जैश-ए-मोहम्मद की मदद की और भारत की संसद पर हमला हुआ। भारत की ओर से दबाव के बाद उस पर उस समय कार्रवाई की गई। इसके बाद फिर 2006 में मुंबई में ट्रेन ब्लास्ट्स हुए और फिर वह गिरफ्तार हुआ। लेकिन एक माह बाद ही रिहा हो गया। लाहौर हाई कोर्ट ने उसे बेकसूर करार दिया था।
मुंबई हमलों के बाद भी हुआ था नजरबंद
इसके बाद 26/11 जैसा एक और बड़ा आतंकी हमला हुआ। इस बार भारत ने यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल में अपील की कि सईद को बैन लिस्ट में रखा जाए। भारत ने कहा कि सईद भारत के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए 2,500 ऑफिसों को चलाता है। एक बार फिर से सईद का नजरबंद किया गया। पाक की अदालत ने उसकी गिरफ्तारी को असंवैधानिक बताया और वह फिर से रिहा हो गया। इस बार फिर से सईद को नजरबंद किया गया है। भारत ने पाक को कहा है कि वह उसकी नजरबंदी को लेकर विश्वसनीय जानकारी दे। वहीं विशेषज्ञ इसे एक बार फिर से पाक का छलावा करार दे रहे हैं।