क्या खुद को पॉलिटिक्स का इंटरनेशनल प्लेयर बनाना इमरान का मकसद था?
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत से खासे नाराज हैं क्योंकि उनका वार्ता का प्रस्ताव नई दिल्ली ने ठुकरा दिया है। इमरान ने भारत के फैसले पर न सिर्फ अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की बल्कि भारत को एक घमंडी देश भी बता डाला। इमरान की मानें तो भारत में बड़े पदों पर ऐसे छोटे लोग बैठे हैं जिनके पास आगे की तरफ देखने का कोई क्षमता नहीं है। इमरान की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर शांति वार्ता की पेशकश की गई लेकिन जम्मू कश्मीर के हालातों की वजह से वार्ता को कैंसिल कर दिया गया। इमरान चाहे जो कहें लेकिन उनके इस स्ट्रोक से इंटरनेशनल कम्युनिटी का सारा ध्यान पाकिस्तान की तरफ ही है। इमरान की मानें तो भारत की ओर से शांति वार्ता को लेकर जो रवैया दिखाया गया है वह पूरी तरह से दंभ में भरा हुआ नजर आता है। ये भी पढ़ें-भारत को घमंडी बताकर असलियत से नहीं भाग सकते इमरान खान
उंगा के बीच ही इमरान का नया पैंतरा
इमरान की मानें तो पाकिस्तान की ओर से शांति वार्ता की जो पहल की गई थी, उसे कमजोरी नहीं समझना चाहिए। पाकिस्तान और भारत के बीच जो भी घटनाक्रम हो रहे हैं वह ऐसे समय में हो रहे हैं जब न्यूयॉर्क में यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली (उंगा) के सत्र की शुरुआत हो चुकी है। सारी दुनिया की नजरें पहले इमरान की उस चिट्ठी पर गई जो उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री को लिखी और जिस चिट्ठी में उन्होंने दोनों देशों के बीच रुकी शांति वार्ता को फिर से शुरू करने की अपील की। इमरान ने चिट्ठी में लिखा था कि आतंकवाद और कश्मीर जैसे मुद्दों को सुलझाने के लिए जो बातचीत बंद हो चुकी है उसे फिर से शुरू किया जाना चाहिए। इमरान की मानें तो भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ती दोनों देशों को गरीबी से बाहर निकाल सकती है।
क्या सेना को पसंद आएगा यह कदम
सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान के पीएम इमरान ने यह साबित करने में कि बतौर पीएम वह भारत के साथ रिश्ते बेहतर करने की तरफ देख रहे हैं, बहुत जल्दबाजी दिखाई है। माना जा रहा है कि इमरान सेना के दबाव में भी हो सकते हैं। पाकिस्तान के मामलों पर करीब से नजर रखने वाले आशीष शुक्ला कहते हैं कि पाकिस्तान की विदेश नीति का अहम हिस्सा जिस पर पाकिस्तान की सेना का काफी हद तक नियंत्रण है, वह है भारत-पाकिस्तान संबंध, अफगानिस्तान, चीन और अमेरिका और अब रूस। वह कहते हैं कि पाकिस्तान में असैन्य सरकार का नेता कोई भी हो लेकिन भारत के साथ सिर्फ कश्मीर पर जब कभी भी वार्ता होगी वह सेना की मंजूरी के बिना नहीं हो सकती है।
क्रिकेट मैच से कश्मीर का मुद्दा सुलझाएंग इमरान
इमरान खान जो पेशे से पहले एक क्रिकेटर रहे और फिर एक राजनेता बने, एक बार क्रिकेट मैच के जरिए कश्मीर का मुद्दा सुलझाने की सलाह तक दे चुके हैं। इमरान ने एक बार कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच एक क्रिकेट मैच करा लेते हैं। इस मैच के नतीजे के आधार पर कश्मीर पर भी फैसला कर लेंगे। हालांकि बाद भी इमरान ने इसे एक मजाक करार दिया था। इस तरह की 'मजाकिया सलाह' देने वाले इमरान खान अब कहीं न कहीं दुनिया को यह दिखाना चाहते हैं कि उनका देश और वह शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं लेकिन भारत कदम नहीं बढ़ाना चाहता है। विशेषज्ञों की मानें तो पाकिस्तान का नजरिया शांति प्रक्रिया के लिए काफी दुविधा भरा हुआ है। पाक एक तरफ तो भारत को धमकी देता है और साथ ही कहता है कि किसी भी तरह का दबाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।