पाक आर्मी चीफ जनरल बाजवा ने ऑफिसर्स से कहा भारत के लोकतंत्र के बारे में पढ़ें
पाकिस्तान सेना आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने दी भारतीय लोकतंत्र के बारे में बयां करती एक अमेरिकी किताब पढ़ने की सलाह। किताब में बताया गया है कैसे भारत में सेना को राजनीति से कैसे दूर रखा गया है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की जो सेना भारत और इंडियन आर्मी के खिलाफ षडयंत्र में लगी रहती है, अब उसी पाक सेना के मुखिया ने बाकी ऑफिसर्स को एक ऐसी किताब पढ़ने की सलाह दी है जो भारत पर आधारित है। पाक की मीडिया की ओर से यह जानकारी दी गई है।
कौन सी है वह किताब
पाकिस्तान के न्यूजपेपर द नेशन की ओर से बताया गया है कि दिसंबर के आखिरी हफ्ते में रावलपिंडी स्थित आर्मी हेडक्वार्टर पर जब आर्मी ऑफिसर्स इकट्ठा हुए तो जनरल बाजवा ने कहा सेना का ऐसा कोई इरादा नहीं है कि वह सरकार चलाने की कोशिश करे। पाक आर्मी चीफ का पद संभालने के बाद जनरल बाजवा अपनी पहली स्पीच दे रहे थे। कहा जा रहा है कि उनकी यह स्पीच उनके नजरिए की ही एक झलक थी। यह बहुत ही संतुलित तरीके से दी गई स्पीच थी। जो कुछ भी उन्होंने कहा बाकी ऑफिसर्स को उसके बारे में बता दिया गया। इस बीच जनरल ने ऑफिसर्स से अपील की कि वे, ' आर्मी एंड नेशन: द मिलिट्री एंड इंडियन डेमोक्रेस सिंस इंडिपेंडेंस' को पढें। इस किताब को येल यूनिवर्सिटी के इंडियन एंड साउथ एशियन स्टडीज के प्रोफेसर स्टीवन आई विल्किन्सन ने लिखा है। वर्ष 2015 में आई इस किताब को भारत और दुनिया के बाकी देशों की ओर से काफी अच्छे रिव्यूज मिले थे।
भारत से जुड़ी हर जानकारी बाजवा के पास
किताब में यह जानकारी दी गई है कि कैसे और क्यों भारत अपनी सेना को राजनीति से दूर रखने में सफल हो पाया है जबकि बाकी देश इस मसले पर पूरी तरह से विफल हो चुके हैं। किताब में राजनीतिक और विदेशी नीतियों के साथ ही रणनीतिक चर्चाओं के बारे में भी बताया गया है जिसकी वजह से 'सेना भारतीय लोकतंत्र' के लिए सुरक्षित बन सकी। इस किताब में इस बात की भी विस्तृत जानकारी है कि क्यों भारत की लोकतांत्रित प्रक्रिया एक सफलता साबित हो चुकी है। इस बारे में पहले ही काफी लिखा जा चुका है कि बाजवा, भारत के बारे में काफी पढ़ते हैं। वह मीडिया में आने वाली रिपोर्ट्स के अलावा भारत से जुड़ी किताबों को भी काफी पढ़ते हैं। उनके साथ यह बात कह चुके है कि भारत को लेकर उनकी रुचि वर्ष 1992 से ही है जब वह एक मेजर थे और उनकी तैनाती लाइन ऑफ कंट्रोल पर थी। रिटायर्ड ब्रिगेडियर फिरोज हसन खान ने भारतीय मीडिया को जानकारी दी है कि भले ही बाजवा, पाकिस्तान में सबसे ताकतवर पद संभाल रहे हों लेकिन भारत को लेकर उनके दिल में नफरत की कोई भावना नहीं है।