कराची हमला: फर्जी बम डिटेक्टर के भरोसे था हवाई अड्डा,
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रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन निवासी जिम मैककोर्मिक एक जालसाज है जिसने विश्व की कई सुरक्षा एजेंसियों को एडीई 65 नाम के नकली बम डिटेक्टर बेचकर पांच करोड़ पाउंड कमाए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कराची हवाई अड्डे के सुरक्षाकर्मी फर्जी बम डिटेक्टर का भी देसी संस्करण इस्तेमाल कर रहे थे। पिछले वर्ष लंदन की एक अदालत ने मैककोर्मिक को ठगी के सिलसिले में दोषी करार दिया था।
कोर्ट ने कहा था कि 40 हजार की कीमत वाले ये डिटेक्टर बिल्कुल बेकार हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान, इराक और जार्जिया इस यंत्र के प्रमुख खरीदार देशों में से हैं। द न्यूयार्क टाइम्स ने वर्ष 2009 में पहली बार इराक में इस यंत्र में जालसाजी का खुलासा किया था। वहीं 'डान' ने वर्ष 2010 के जनवरी में बताया था कि पाकिस्तान के कई हवाई अड्डों पर सुरक्षाकर्मी इन फर्जी डिटेक्टर का प्रयोग कर रहे थे।