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CPEC के बहाने कश्‍मीर का गुपचुप सौदा कर रहा है आर्थिक संकट से जूझता पाकिस्‍तान!

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इस्‍लामाबाद। पाकिस्‍तान पिछले करीब 70 वर्षों से कश्‍मीर का एक अहम मुद्दा बताता आ रहा है और कश्‍मीर, भारत से इसके विवाद की एक अहम वजह भी है। कश्‍मीर को पाकिस्‍तान में भारत के साथ ही सबसे बड़ा मुदृा नहीं माना जाता है बल्कि यह पाकिस्‍तान की घरेलू राजनीति पर भी असर डालता है। लेकिन अब जो बातें सामने आ रही हैं उसके मुताबिक पाकिस्‍तान गुपचुप तरीके से कश्‍मीर का सौदा करने लगा है। उसका मकसद कश्‍मीर के जरिए चीन से एक बड़ी रकम को हासिल करना है, ताकि उसका आर्थिक संकट दूर हो सके। इसमें उसकी मदद कर रहा है चीन-पाकिस्‍तान आर्थिक गलियारा यानी सीपीईसी।

CPEC के बहाने कश्‍मीर का गुपचुप सौदा कर रहा है पाकिस्‍तान!

कश्‍मीर मुद्दे के हल के लालच में पाकिस्‍तान

सोशल मीडिया पर जो जानकारी आ रही है उसके मुताबिक चीन ने अब तक कश्‍मीर पर एक तटस्‍थ रवैया रखा है और वह भारत के साथ इस मुद्दे पर पाकिस्‍तान को समर्थन देता है। अब पाकिस्‍तान पूरी तरह से एक स्‍वार्थी नजरिए के साथ सीपीईसी पर नजरें लगाए है। कुछ विशेषज्ञों की मानें तो अगर सीपीईसी सफल होता है तो फिर कश्‍मीर मुद्दे का हल बातचीत से निकल सकता है। ऐसे में सीपीईसी पाकिस्‍तान के लिए भी काफी अहम हो गया है। एक नजरिया यह भी है कि सीपीईसी एक मेगा प्रोजेक्‍ट है जो चीन और पाक को राजनीतिक और आर्थिक फायदा पहुंचाता है। इसे दोनों ही देश काफी चतुराई के साथ संभाल रहे हैं और इसकी वजह से कश्‍मीर समेत इस क्षेत्र के कई मुद्दे हल हो सकते हैं। सीपीईसी गिलगित-बाल्‍टीस्‍तान से होकर गुजरता है।

बढ़ रहा है सीपीईसी में चीन का रोल

प्रस्‍तावित कॉरीडोर काराकोरम हाइवे से जुड़ेगा जो कि 4,693 मीटर की ऊंचाई पर है और 1300 किलोमीटर लंबा हाइवे है। अगर बाकी दुनिया से इसके जुड़ने के तौर पर इसे देखें तो पाकिस्‍तान का ग्‍वादर बंदरगाह मस्‍कट से सिर्फ 400 किलोमीटर दूर है और होरमुज जलमार्ग से इसकी दूरी सिर्फ 500 किलोमीटर है। होरमुज पाकिस्‍तान को खाड़ी देशों से जोड़ता है। इसके अलाचा इस कॉरीडोर के जरिए पाकिस्‍तान, अफ्रीका से भी जुड़ सकता है जहां पर चीन की अच्‍छी-खासी मौजूदगी है। पाकिस्‍तान के आर्थिक और वित्‍तीय मामलों के विशेषज्ञों की मानें तो वर्ष 2017-2018 के बजट में इस कॉरीडोर के जरिए चीन के कदम के साफ सुबूत मिलते हैं। सीपीईसी प्रोजेक्‍ट की वजह से चीन, पाकिस्‍तान को पैसे देने वाला एकमात्र विशाल देश बनने की ओर बढ़ रहा है। लेकिन इसके बाद भी पाकिस्‍तान, चीन के वन बेल्‍ट वन रोड जैसे प्रोजेक्‍ट्स के जरिए कश्‍मीर की बोली लगाने को तैयार है। सीपीईसी, पाकिस्‍तान की सेना को देश में राजनीतिक-सैन्‍य संस्‍थाओं में एक औपचारिक रोल देगा। इस रोल के बाद पाकिस्‍तान की सेना को कश्‍मीर के लिए भी अप्रत्‍यक्ष तौर पर ताकत मिल जाएगी।

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English summary
It is being suggested by some observers and analysts that Pakistan's is using its Kashmir narrative.
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