COVID 19: ब्राजील के स्वास्थ्य सचिव ने दिया इस्तीफा, Hydroxychloroquine दवा पर भी लगी रोक
रियो डि जेनेरियो। पूरा विश्व इस वक्त कोरोना से जंग लड़ रहा है, ब्राजील भी इससे अछूता नहीं है, अभी तक यहां 25000 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं जबकि 1500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी है तो वहीं एक और खबर ने यहां के लोगों को परेशानी में डाल दिया है, दरअसल यहां के स्वास्थ्य सचिव वॉन्डर्सन डे ओलिवेरा ने पद से इस्तीफा दे दियाा है, इस बारे में जानकारी देते हुए ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि स्वास्थ्य सचिव वॉन्डर्सन डे ओलिवेरा ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है।
ऐसा कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्री ल्यूज हेनरीक मैंडेटा और राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के बीच कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति को सही से नहीं संभालने को लेकर तनाव बढ़ा है, जिसके बाद ओलिवेरा ने त्यागपत्र दे दिया, आपको बता दें कि कोविड 19 के प्रकोप को झेल रहे ब्राजील के दो राज्यों के गवर्नर कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।
दो राज्यों के गवर्नर कोरोना वायरस से संक्रमित
रियो डी जेनेरियो के गवर्नर विल्सन विट्जल और उत्तरी राज्य पारा के गवर्नर हेल्दर बरबाल्हो ने ट्विटर पर अपने संक्रमित होने की जानकारी दी, उन्होंने लोगों से घरों में ही रहने की अपील की है, गौरतलब है कि ये दोनों हाल ही में काफी सुर्खियों में थे, क्योंकि इन दोनों ने कोविड-19 पर रोक लगाने के लिए लाए गए प्रतिबंधों में छूट देने के आह्वान पर राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो की तीखी आलोचना की थी।
कोरोना पर कर चुके हैं विवादित टिप्पणी
मालूम हो कि जायर बोल्सोनारो ने एक टीवी इंटरव्यू में कोरोना महामारी पर विवादित टिप्पणी भी की थी, जायर बोल्सोनारो ने संक्रमण पर चिंता जताने की बजाए अर्थव्यवस्था पर ज़ोर दिया था और कहा था कि कोरोना संक्रमण से कुछ लोग तो मरेंगे ही, जिस पर काफी बवाल हुआ था, दरअसल ब्राजील में कुछ राज्यों ने लॉकडाउन घोषित कर दिया था , जिससे जायर बोल्सोनारो सहमत नहीं थे और उन्होंने कहा था कि अर्थव्यवस्था का चलते रहना जरूरी है, कोरोना का क्या है, कुछ लोग तो मरते ही हैं, तो मर जाएंगे।
hydroxychloroquine दवा के इस्तेमाल पर रोक
वैसे इसी बीच ब्राजील ने Hydroxychloroquine दवा के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है, दुनियाभर में कोरोना वायरस की गेमचेंजर दवा कही जा रही हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और क्लोरोक्विन से ब्राजील में निराशा हाथ लगी है। ब्राजील ने इस दवा के इस्तेमाल पर अभी बैन लगा दिया है, क्योकि जिन मरीजों को प्रयोग के तौर पर यह दवा दी गई, उनमें से एक चौथाई को हार्ट की दिक्कत आ गई, हालांकि इससे पहले ब्राजील के राष्ट्रपति ने इस दवा को संजीवनी बूटी की संज्ञा देते हुए पीएम मोदी की हनुमान से तुलना की थी। इससे पहले शुरुआती परिक्षणों में सामने आया था कि यह दवा कोरोना वायरस को कोशिकाओं में पहुंचने से रोकने में कारगर है।
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