पशु चोरों ने नहीं, बल्कि प्रॉपर्टी से बेदखल करने पर भतीजे ने मारी थी रतन सिंह को गोली
Noida News, नोएडा। ग्रेटर नोएडा के जारचा कोतवाली क्षेत्र में 21 अप्रैल की रात हुई डीडीए कर्मचारी रतन सिंह की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस घटना का खुलासा करते हुए बताया कि रतन सिंह की हत्या पशु चोरों ने नहीं, बल्कि उसके सगे भतीजे ने प्रॉपर्टी से बेदखल कराने के चलती की थी। पुलिस ने हत्यारोपितो को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इनके पास से एक बाइक, तमंचा और कारतूस बरमाद किए है।
क्या था मामला
एसएसपी वैभव कृष्ण ने मीडिया को बताया कि 21 अप्रैल की रात सूचना मिली थी कि खुर्शेदपुरा गांव में पशु चोरों ने गोली मारकर रतन सिंह की हत्या कर दी है। किसान रतन सिंह की मौत के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने भी जवाबी फायरिंग कर दी, जिसमें एक पशु तस्कर की मौके पर ही मौत हो गई थी। मारे गए बदमाश की पहचना जय प्रकाश के रूप में हुई थी। वह लोनी एरिया में ऑटो चलाता था।
बेइज्जती का बदला लेने के लिए की थी हत्या
एसएसपी ने बताया कि जांच में पता चला कि यह मामला पशु चोरी का नहीं आपसी रंजिश का है। घटना का मुख्य आरोपी रोहित मृतक रतन सिंह के छोटे भाई इंद्रपाल का बेटा है। रोहित अक्सर अपने पिता के साथ मारपीट कर उनकी बेइज्जती करता था। अपने बेटे की करतूत से परेशान इंद्रपाल ने अपने भाई रतन सिंह के साथ मिलकर रोहित को संपत्ति से बेदखल कर दिया था। इस बात से नाराज रोहित ने भैंस चोरी की आड़ में हत्या की योजना बनाई। इसके लिए उसने अपने साथी विशाल और जय प्रकाश की मदद ली। गिरफ्तार विशाल श्मशान घाट पर रहकर क्रिया कर्म कराता है। मृतक जय प्रकाश किराये का आटो चलाता था। जबकि मुख्य आरोपी रोहित भी ड्राइवर की नौकरी करता है।
एक ही गोली से गई दोनों की जान
एसएसपी ने बताया कि घटना वाले दिन रतन सिंह का पुलिस में दरोगा बेटा आया हुआ था। रोहित उसकी हत्या के लिए रात अपने साथियों के साथ गया था। संयोग से उस समय रतन सिंह नींद से जाग गया। उसके पीछे जय प्रकाश खड़ा। रोहित ने अपने ताऊ रतन सिंह पर गोली चलायी, जो उसके सीने से पार होते हुए पीछे खड़े जय प्रकाश को भी जा लगी। एक ही गोली से दोनों की मौत हुई। पुलिस ने इस घटना में शामिल लोनी निवासी विशाल पुत्र राजेंद्र वाल्मीकि और रोहित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
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