यूपी के इस गांव में वोट मांगने नहीं आते प्रत्याशी, ये है वजह
Noida news, नोएडा। राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में आज भी ऐसा गांव है, जहां प्रत्याशी वोट मांगने नहीं जाते। इस गांव के प्रत्याशी अपने मत का प्रयोग करने के लिए 70 किलोमीटर का सफर तय कर मतदान केंद्र तक जाते हैं। दूसरा विकल्प इन ग्रामीणों के पास नाव के सहारे नदी पार कर वोट डालने का है। ग्रामीणों का कहना है कि आज तक शासन प्रशासन ने ऐसी व्यवस्था नहीं की कि उनका वोट गांव में या उसके नजदीक किसी मतदान केंद्र पर पड़ जाए।
1982 से आज तक कोई नेता वोट मांगने नहीं आया
यह मामला है नोएडा के दलेलपुर गांव का। इस गांव को 1982 में हरियाणा के फरीदाबाद से उत्तर प्रदेश में शिफ्ट कर दिया गया था। तब से लेकर आज तक इस गांव में किसी भी नेता के द्वारा ना तो वोट मांगने के लिए आया है और ना ही किसी नेता के द्वारा इस गांव में पोलिंग बूथ बनवाया गया है। जिसके चलते सड़क के द्वारा लगभग 70 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद गांव के लोग अपने मत का प्रयोग करने के लिए उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित गुलावली गांव में पहुंचकर अपने मत का प्रयोग करते हैं।
चुनाव जीतकर भूल जाते हैं नेता
इसके अलावा दूसरा रास्ता नाव से नदी पार कर यहां तक पहुंचने का है। ग्रामीणों का कहना है कि जिन नेताओं को जीताकर यहां के लोग उन्हें जनप्रतिनिधि बनाते हैं वही लोग चुनाव जीतने के बाद उन्हें भूल जाते हैं। इस गांव में 40 से 50 परिवार के लोग रहते हैं जिनमें से लगभग 90 लोग अपने मत का प्रयोग करने के लिए या तो नाव के सहारे नदी पार कर दूसरे गांव में वोट करते हैं या फिर 70 किलोमीटर का सफर तय करके हरियाणा दिल्ली होते हुए नोएडा के गुलावली गांव पहुंचना पड़ता है।
क्या कहते हैं ग्रामीण
जिला प्रशासन व शासन द्वारा आज तक कोई ऐसी व्यवस्था नहीं की गई के इन लोगों को उन्हीं के गांव में मतदान केंद्र बनाकर इनको भी सहुलियत दी जा सके। ग्रामीण बालकिशन का कहना है कि आज तक ना तो किसी नेता के द्वारा वोट मांगी गई है और ना ही इनके गांव का विकास किया गया है। ग्रामीण महेंद्र के मुताबिक कई बार अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद भी इस गांव में पोलिंग बूथ नहीं बनाया गया है।
ये भी पढ़ें: बिहार के बाहुबली सांसद पप्पू यादव ने किया सरेंडर, सुनवाई के बाद मिली जमानत