ग्रेटर नोएडा: सोसायटी में बिना अनुमति कैंप लगाकर 187 लोगों को दिया 'कोरोना टीका', आयोजकों के खिलाफ केस
ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के एक आवासीय सोसायटी में पिछले महीने कोरोना वायरस टीकाकरण का अवैध कैंप लगाने का मामला सामने आया जिसमें अब पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ केस दर्ज किया है। सोमवार को गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने कहा कि कि अवैध वैक्सीनेशन कैंप के आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। आयोजकों ने कोवैक्सीन टीका लगाने का दावा किया जिसकी जांच भी पुलिस करेगी।
आधिकारिक बयान में गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने कहा कि जेपी ग्रीन्स सोसायटी के निवासी एसीएमओ नीरज त्यागी की शिकायत पर आयोजकों के खिलाफ यह केस दर्ज किया गया। इस बारे में सीएमओ दीपक ओहरी ने द हिंदू से बात करते हुए कहा कि 21 और 27 मई को सोसायटी में शुभ गौतम ने अपने आवास में बिना अनुमति के टीकाकरण कैंप का आयोजन किया। इस कैंप में 187 लोगों को वैक्सीन दी गई। आयोजकों का दावा है कि लोगों को कोवैक्सीन टीका लगाया गया। इस दावे की जांच पुलिस कर रही है।
बीटा-2 थाना में रविवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 420 समेत अन्य धाराओं में व महामारी एक्ट के तहत पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। इस कैंप में जिन 187 लोगों को टीका दिया गया उनमें से कुछ को सर्टिफिकेट मिले हैं। इस बारे में अधिकारियों का कहना है कि सर्टिफिकेट जिन लोगों को मिले हैं उन्होंने अलीगढ़ के नौरंगाबाद अर्बन प्राइमरी हेल्थ सेंटर में वैक्सीन की डोज ली थी। बाकी लोगों के पास टीका लगाने का कंफर्मेशन नहीं आया इससे उनको टीके की दूसरी डोज कैसे मिल पाएगी, यह परेशानी खड़ी हो गई है।
इस कैंप में टीका लगवाने वाले शिखर गौर का कहना है कि सोसायटी में कैंप आयोजित होने की वजह से उन्होंने विश्वास किया था। वाट्सएप ग्रुप में इसका मैसेज आया था जिसमें गूगल फॉर्म भरवाया गया था। मां के सथ उन्होंने 27 मई को उसी कैंप में टीके की डोज ली थी। लेकिन सरकार के कोविन पोर्टल पर उनको पहली डोज देने का कोई रिकॉर्ड नहीं है। शिखर ने बताया कि यह कैंप शुभ गौतम के आवास में लगाया गया था और वहां फोटो खींचने या वीडियो बनाने की मनाही थी। कहा कि टीकाकरण के बाद आयोजकों ने कॉल उठाना बंद कर दिया, अब हमें मालूम नहीं कि दूसरी डोज कैसे मिल पाएगी।