हरेंद्र मर्डर केस में सुंदर भाटी समेत 12 को सुनाई गई उम्रकैद की सजा, सबूतों के अभाव में एक आरोपी बरी
ग्रेटर नोएडा। खबर उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा से है। यहां कुख्यात बदमाश सुंदर भाटी समेत 12 बदमाशों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। यह सजा दनकौर के दादूपुर गांव के प्रधान और एसपी नेता हरेंद्र नागर मर्डर केस में गौतमबुद्धनगर जिला एवं सत्र न्यायालय ने सुनाई गई है। इस मामले में एक आरोपी मनोज को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है। बता दें कि इस वक्त सुंदर भाटी जेल में बंद है।

कुख्यात बदमाश सुंदर भाटी को पहली बार किसी मामले में सजा सुनाई गई है। इससे पहले गवाहों और पक्षकारों पर दबाव बनाकर सुंदर भाटी सभी मामलों में बरी होने में कामयाब हो रहा था। लेकिन हरेंद्र नागर हत्याकांड मामले में कोर्ट ने उसे सजा सुना दी है। प्राप्त समाचार के मुताबिक, हरेंद्र नागर (30) 8 फरवरी 2015 की शाम ग्रेटर नोएडा के नियाना गांव निवासी प्रकाश भाटी की बेटी की शादी में शामिल होने गए थे। उनके साथ उनका सरकारी गनर भूदेव शर्मा और एक अन्य प्राइवेट गनर भी था।
जब हरेंद्र प्रधान अपनी गाड़ी में बैठने जा रहे थे, तभी बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी थी। इस फायरिंग में हरेंद्र प्रधान की मौत हो गई थी, जबकि भूदेव शर्मा भी गोली लगने से शहीद हो गए थे। इस दौरान भूदेव ने गोली लगने के बावजूद एक बदमाश को मार गिराया था। बाद में उस बदमाश की पहचान दिल्ली निवासी जतन खत्री के रूप में हुई थी, जो एक शार्प शूटर था। इस मामले में हरेंद्र के परिजनों ने 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
जेल में बनाई थी हत्या की साजिश
पुलिस पूछताछ में एक आरोपी विकास पंडित ने बताया था कि दादरी थाना क्षेत्र के बील गांव निवासी कालू से उसकी गहरी दोस्ती है। हरेंद्र प्रधान ने करीब 2 साल पहले कालू के जीजा खेड़ी गांव निवासी जयचंद प्रधान की हत्या कराई थी। कालू को शक था कि हरेंद्र प्रधान ने सरिया के व्यापार को लेकर ही उसके जीजा की हत्या कराई थी। इसका बदला लेने के लिए कालू ने हिस्ट्रीशीटर बदमाश सुंदर भाटी से जेल में मुलाकात की थी। वहां सुंदर भाटी ने उसको दिल्ली निवासी जतन खत्री, दादूपुर निवासी योगेश और राजू समेत कई बदमाशों से मिलवाया था। विकास पंडित, जतन खत्री, राजू, कालू और योगेश ने ही मिलकर हरेंद्र प्रधान कर हत्या की थी।
फरीदाबाद, दिल्ली समेत पश्चिमी यूपी में था दबदबा कायम
बता दें कि सुरंदर भाटी के गिरोह का अच्छा खासा दबदबा गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, फरीदाबाद, दिल्ली सहित पश्चिमी यूपी में कायम था। उसके गिरोह में कई बदमाशों ने मिलकर हत्या, लूट और रंगदारी के काम को और फैला दिया। इसी दौरान पुलिस की ओर से भी सुंदर भाटी के सिर पर 50 हजार रूपए का इनाम रखा गया था। यूपी पुलिस ने खासी मशक्कत के बाद 2014 में सुंदर भाटी को गिरफ्तार किया था।