इन 100 शहरों में जाने से पहले सौ बार सोचें महिलाएं
देशभर के 100 शहर ऐसे हैं जहां महिलाओं के खिलाफ सबसे अधिक अपराध होता है। इन शहरों में सत्यमेव जयते में सुझाए गए वन स्टॉप प्रोटेक्शन सेंटर बनाए जाने की मांग की गई। यानी कि एक ऐसा जगह जहां एक छत के नीचे महिलाओं की सभी से जुड़ी अपराधों का निपटारा और सभी तरह की सहायता प्रदान की जा सके। नेशनल मशिन फॉर एंपावरमेंट ऑफ वुमेन के आधार पर अब ऐसे केन्द्र की जरूरत महसूस की जा ही है जहां उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को एक ही जगह सारी तरह की मदद मिल जाएं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि देश के सबसे खतरनाक शहरों में दिल्ली नंबर एक पर है, जबकि गुड़गांव दूसरे नंबर पर, हैदराबाद तीसरे, बंगलूरू चौथे और कोलकाता पांचवें नंबर पर है। सेंटर फॉर सोशल रिसर्च की प्रमुख डॉ रंजना कुमारी के मुताबिक साल 2011 से 2013 के आंकड़ो में देशभर में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में 40 फीसदी का इजाफा हुआ है।
दिल्ली में हर दो घंटे पर 1 महिला रेप और छेड़छाड़ की शिकार होती है।
वहीं उनका मानना है कि बलात्कार संबंधित कानून में बदलाव के बावजूद भी रेप और गैंगरेप की घटनाएं बढ़ी हैं। अकेले दिल्ली में महिलाओं पर होने वाले कुल अपराध में 19.3 प्रतिशत केस बलात्कार के हैं, जबकि गुड़गांव में यह आंकड़ा 11 प्रतिशत है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड के मुताबिक दिल्ली में इस साल महिला उत्पीड़न के 1,870 ऐसे मामले दर्ज किए गए जिसमें महिला के पति या उसके सगे संबंधियों ने अत्याचार किया, जबकि महिला अपराध कुल 5194 मामले सामने आए है। वहीं गुड़गांव महिला अपराध के 3,039, बंगलूरू में 2,263 कोलकाता में 2073 हैदराबाद में 899 और विजयवाड़ा में 1898 महिला अपराध के मामले सामने आए है।
इन शहरों के अलावा गुवाहटी, विजयवाड़ा, अहमदाबाद, मेरठ, पटना, चेन्नई, बंगलूरू, गाजियाबाद, जयपुर आदि महिलाओं के लिए असुरक्षित शहरों में शामिल हैं। वहीं नेशनल क्राइम रिकॉर्ड के मुताबिक दिल्ली में 1000 ऐे डार्क स्पॉट पाए गए जहां सबसे ज्यादा अपराध होते है। ये ऐसी जगह जो रात में ही नहीं दिन में भी महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है।