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मुजफ्फरनगर दंगा: सुरेश राणा और संगीत सोम के खिलाफ दर्ज मुकदमे होंगे वापस, भड़काऊ भाषण देने पर दर्ज हुआ था केस

मुजफ्फरनगर दंगा: सुरेश राणा और संगीत सोम के खिलाफ दर्ज मुकदमे होंगे वापस, भड़काऊ भाषण देने पर दर्ज हुआ था केस

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मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा और सरधना विधानसभा सीट से भाजपा विधायक संगीत सोम को एमपी एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। ये राहत मुजफ्फरनगर के मंदौड में हुई महापंचायत के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में दर्ज मुकदमे में मिली है। बता दें कि इस मामले में प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा, विधायक संगीत सोम, पूर्व सांसद भारतेंद्र सिंह व साध्वी प्राची समेत कई भाजपा नेता के खिलाफ विशेष कोर्ट संख्या पांच में मुकदमा चल रहा था। फिलहाल इस मुकदमे को वापस लेने की सहमति एमपी एमएलए कोर्ट ने दे दी है।

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Muzaffarnagar Riots: UP Minister Suresh rana और Sangeet Som से केस वापस | वनइंडिया हिंदी
Muzaffarnagar riot case filed against Suresh Rana and Sangeet Som will back

दरअसल, 27 अगस्त 2013 को मलिकपुरा इलाके के रहने वाले ममेरे भाइयों सचिन और गौरव की हत्या कर दी गई थी। इसके विरोध में सितंबर 2013 में नंगला मंदौड में महापंचायत हुई थी। इस पंचायत के बाद ही जिले में दंगा भड़क गया था। सिखेड़ा के तत्कालीन थाना प्रभारी चरण सिंह यादव ने महापंचायत में शामिल सुरेश राणा जो कि अब उत्तर प्रदेश सरकार के गन्ना मंत्री हैं, जबकि संगीत सोम सरधना इलाके से विधायक हैं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज थी। इसके अलावा बिजनौर के पूर्व सांसद भारतेंद्र सिंह, साध्वी प्राची, श्यामपाल के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का मुकदमा दर्ज किया था। उस वक्त कुल 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।

तो वहीं, प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद विधायक उमेश मलिक और सांसद संजीव बालियान ने बड़े पैमाने पर फर्जी नामजदगी का मुद्दा उठाते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुकदमे वापस लेने की मांग की थी। प्रदेश शासन ने दंगे के कई मुकदमों को वापस लेने की अनुमति दी थी, जिनमें से नंगला मंदौड़ महापंचायत के संबंध में अपराध संख्या 178/2013 थाना सिखेड़ा भी शामिल था। जिसके बाद कोर्ट में सीआरपीसी की धारा 321 के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था ताकि अदालत से इन मुकदमों को खत्म किया जा सके। इसी पर आदेश देते हुए अदालत ने दोनों लोगों को खिलाफ मुकदमा खत्म कर दिया है।

कैसे भड़का था दंगा
मीडिया खबर के अनुसार, 27 अगस्त 2013 के दिन कवाल गांव में एक भीड़ ने सचिन और गौरव नाम के दो युवकों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। सचिन और गौरव की हत्या का आरोप शाहनवाज़ कुरैशी नामक एक युवक पर लगा था। इस घटना के बाद 7 सितंबर 2013 के दिन नगला मंदोर गांव इंटर कॉलेज में जाट समुदाय द्वारा एक महापंचायत बुलाई गई। ऐसा माना जाता है कि इसी पंचायत के बाद मुजफ्फरनगर में दंगा भड़क गया था।

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English summary
Muzaffarnagar riot case filed against Suresh Rana and Sangeet Som will back
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