'अगर ऐसा ही रहा तो बहुत जल्द मर जाऊंगा', बॉम्बे HC से जमानत अर्जी में फादर स्टेन स्वामी
मुंबई, 21 मई। भीमा कोरेगांव- एलगार परिषद मामले में जेल में बंद 84 वर्षीय फादर स्टेन स्वामी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की है। आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता के रूप में पहचान बनाने वाले स्टेन स्वामी ने हाईकोर्ट से स्वास्थ्य के आधार पर उन्हें अपने रांची स्थित घर जाने के लिए अंतरिम जमानत देने की अर्जी दाखिल की है।
फादर स्टेन स्वामी को जस्टिस एसजे काठावाला ने नेतृत्व में गठित खंडपीठ को स्वामी ने बताया कि तलोजा जेल में 8 महीने रहने के दौरान उनका स्वास्थ्य लगातार खराब होता गया है। उन्होंने बताया जब मैं जेल में आया था तो मेरा शरीर पूरी तरह काम कर रहा था। मैं लिख सकता था, खुद से नहा सकता था। टहल सकता था। उन्होंने आगे कहा कि तलोजा में रहने के दौरान वह ऐसी स्थिति में आ गए हैं जहां वह ना तो खा सकते हैं, ना लिख सकते हैं। ना ही नहा सकते हैं और ना ही घूमने जा सकते हैं।
इसके पहले कोर्ट के आदेश पर गुरुवार को जेजे अस्पताल के डॉक्टरों ने फादर स्टेन स्वामी के स्वास्थ्य का परीक्षण किया था। अस्पताल प्रशासन ने स्वामी के स्वास्थ्य के बारे में अपनी रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश की।
अस्पताल
में
भर्ती
होने
से
इनकार
वहीं
जब
कोर्ट
ने
स्वामी
से
पूछा
कि
क्या
उन्हें
कुछ
दिनों
के
लिए
जेजे
अस्पताल
में
भर्ती
कर
दिया
जाए
जब
तक
उनकी
स्थिति
में
सुधार
नहीं
आ
जाता
है?
जिस
पर
स्टेन
स्वामी
ने
साफ
इनकार
कर
दिया
और
कहा
कि
जेजे
अस्पताल
की
बजाय
वह
जेल
ज्यादा
पसंद
करेंगे।
स्वामी ने कोर्ट से कहा "मैं जेजे में नहीं जाना चाहूंगा। मैं वहां तीन बार जा चुका हूं। मुझे वहां का सेट-अप पता है। मैं अस्पताल में भर्ती नहीं होना चाहता। मैं इसके बजाय पीड़ा सहूंगा और बहुत संभव है कि बहुत जल्द ही मर जाऊंगा अगर ऐसा ही चलता रहा। मैं जेजे अस्पताल में भर्ती होने के बजाय ऐसा करना पसंद करूंगा। यह मेरे लिए बहुत कठिन क्षण है।"
अपनों
के
साथ
रहना
चाहूंगा-
स्टेन
स्वामी
जब
स्वामी
से
किसी
दूसरे
अस्पताल
में
भर्ती
होने
के
बारे
में
पूछा
गया
तो
उन्होंने
इससे
भी
इनकार
कर
दिया
और
उनके
अपनों
के
पास
होने
के
लिए
अंतरिम
जमानत
देने
का
अनुरोध
किया।
उन्होंने
कहा
"मेरे
साथ
जो
भी
हो,
मैं
अपनों
के
साथ
रहना
चाहूंगा।"
भीमा कोरेगांव केस: स्टेन स्वामी की जमानत के लिए मुहिम, साथ आए 2500 से ज्यादा एक्टिविस्ट और शिक्षाविद
उन्होंने कहा "मैं कोर्ट से सिर्फ एक चीज अंतरिम जमानत देने पर विचार करने की मांग कर रहा हूं। मेरी सिर्फ एक ही प्रार्थना है।"