बारिश और भूस्खलन ने मंडी में मचाई तबाही, अब तक 10 शव हुए बरामद, कई अभी भी लापता
बारिश और भूस्खलन ने मंडी में मचाई तबाही, अब तक 10 शव हुए बरामद, कई अभी भी लापता
शिमला, 20 अगस्त: भारी बारिश और भूस्खलन ने हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भारी तबाही मचाई है। इस तबाही में अभी तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, कई लोग अभी भी लापता है। ऐसी आशंका है कि मरने वालों की संख्या और अधिक बढ़ सकती है। हालांकि, प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य जारी हैं। बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए जल शक्ति एवं राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिया।
मंडी जिले के एडीसी जतिन लाल ने राहत और बचाव कार्यों की जानकारी दी। साथ ही लोगों से घरों में रहने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि मंडी जिले में जान और माल का भारी नुकसान हुआ है। अभी तक दस लोग के शव बरामद हो चुके हैं और तकरीबन सात लोग अभी भी लापता है, जिनकी तलाश के लिए एनडीआरएफ और एसडीआएफ की टीमें युद्ध स्तर पर कार्य कर रही हैं। उन्होंने बताया कि गौहर इलाके में एक मकान भूस्खलन के कारण ढह गया था, जिसके मलबे में दबे आठ लोगों के शव बरामद हो चुके हैं।
वहीं मंडी सदर के बागी से एक महिला लापता है और सदोहा में छह लोगों के लापता होने की सूचना है। हालांकि, अभी तक दो और डेड बाडी मिल चुकी हैं। बताया कि इस तबाही में करीब 32 घर तबाह हुए हैं और 14 डेंजर जोन में हैं। वहां से लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर शिफ्ट कर दिया गया है। इसके अलावा 17 गौशाला भी बारिश में बह गई है। 17 जानवारों के शव भी मिले हैं।
122
रोड
बंद
और
900
जगहों
पर
बिजली
हुई
है
प्रभावित
उन्होंने
बताया
कि
मंडी
जिले
में
122
रोड
बंद
हैं
और
900
जगहों
पर
बिजली
प्रभावित
हुई
है।
55
स्थानों
पर
पेयजल
योजना
प्रभावित
हुई
है।
येलो
अलर्ट
के
चलते
मौसम
खराब
होने
से
तबाही
मची
है।
कटौला
में
तीस
एनडीआरएफ
के
जवान
तैनात
किए
गए
हैं।
मंडी
जिले
का
तमाम
प्रशासनिक
अमला
लगातार
राहत
बचाव
कार्यों
में
जुटा
है।
जिला
प्रशासन,
पुलिस
और
एनडीआरएफ
व
एसडीआरएफ
टीमें
आफत
में
फंसे
लोगों
की
सुरक्षा
और
बचाव
कार्यों
में
लगे
हैं।
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लोगों
से
घरों
में
रहने
की
अपील
उन्होंने
मंडी
व
आसपास
के
लोगों
से
अगले
दो
दिनों
तक
अपने-अपने
घरों
में
ही
रहने
की
अपील
की
है।
कहा
कि
जरूरी
होने
पर
ही
अपने
घरों
से
बाहर
निकलें।
अपने
आसपास
के
लोगों
का
भी
ख्याल
रखे।
साथ
ही
उन
स्थानों
पर
जाने
से
बचे,
जहां
पर
भूस्खलन
की
संभावनाएं
है।