बीवी से तमंचा लेकर कठघरे में खड़ा हुआ कैदी, यूपी के कोर्ट में फिर हुआ गोलीकांड
मैनपुरी। उत्तर प्रदेश के बिजनौर में दिसंबर 2019 में जज के सामने हत्यारोपी की हत्या कर दी गई थी। घटना के एक महीने भी नहीं बीते हैं कि मैनपुरी के कोर्ट में भी कठघरे में खड़े आरोपी ने खुद को गोली मार ली। गोली कैदी ने अपने पैर में मारी। यूपी में एक बार फिर कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा तो आनन-फानन में इस गोलीकांड में 10 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया।
डीएम-एसपी ने की प्रेसवार्ता
डीएम और एसपी ने मामले पर प्रेसवार्ता कर कहा कि दो इंस्पेक्टर, एक सब इंस्पेक्टर और सात सिपाहियों को सस्पेंड किया गया है। एक महिला और सात पुलिसकर्मी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। महिला उस बंदी की पत्नी है जिसने कठघरे में खड़े होकर खुद पर गोली चलाई। बंदी की पत्नी ही तमंचा लेकर कोर्ट रूम में आई थी और उसने पति को दे दिया था। इस घटना की साजिश में एक वकील का नाम भी सामने आ रहा है। पुलिस उसकी जांच कर रही है। गिरफ्तार और सस्पेंड पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
सोमवार दोपहर बाद की घटना
सोमवार को दोपहर में तीन बजे के आसपास की घटना है। मैनपुरी जेल से ट्रिपल मर्डर का आरोपी बंदी मनीष को करहल पुलिस पेशी पर लेकर आई थी। मनीष को हवालात से एडीजे चतुर्थ की कोर्ट में लाया गया। कठघरे में उसके साथ दो बंदी और थे। अचानक मनीष ने तमंचे से गोली चलाई जो उसके पैरों में लगी और वह वहीं गिर गया। जब यह गोलीकांड हुआ तो उस वक्त जज तरुण कुमार विश्राम कक्ष में थे।
गोली चलते ही कोर्ट में भगदड़
कोर्ट में गोली चलते ही भगदड़ मच गई। वकील, कर्मचारी और अन्य लोग इधर-उधर भागने लगे। फायरिंग की खबर सुनकर पुलिस अदालत में पहुंची और चारों तरफ से घेर लिया। घायल बंदी मनीष को लेकर पुलिस जिला अस्पताल गई। वहां उसका इलाज किया गया। कोर्ट में एसपी अजय कुमार भी पुलिस बल के साथ पहुंचे थे। मामले की जांच के बाद दस पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया। मनीष ने 2012 में जमीनी विवाद में पिता, सुखराम, सौतेली मां सुषमा और सौतेले भाई अभिषेक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में मनीष सहित पांच लोग आरोपी हैं।