उद्धव ठाकरे की शिवसेना पर भड़का एकनाथ शिंदे गुट, बोला-चुनाव आयोग का सम्मान करो
शिवसेना के दोनों गुटों की लड़ाई नए सिरे से छिड़ चुकी है। पहले उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने चुनाव आयोग के सामने तीन नाम देकर हर हाल में उन्हीं में से एक पर मुहर लगाने की बात की तो उसपर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे ने जोरदार पलटवार करते हुआ कहा है कि ढाई साल तक कुछ किया नहीं और अब सहानुभूति बटोरना चाहते हैं। शिंदे खेमा ने कहा है कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और हर हाल में उसका सम्मान होना चाहिए। शिंदे गुट ने उद्धव खेमे पर आयोग का ट्विटर पर अपमान करने का आरोप लगाया है।
उद्धव गुट पर लगाया चुनाव आयोग के अपमान का आरोप
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट पर आरोप लगाया है कि वह चुनाव आयोग का अपमान कर रहा है। पार्टी नेता और प्रदेश के मंत्री दीपक केसरकर ने उद्धव गुट पर आरोप लगाया है कि 'उन्होंने (उद्धव ठाकरे खेमा ने) पिछले 2.5 वर्षों में कुछ नहीं किया। जनता उन्हें वोट नहीं देगी, इसीलिए वह सहानुभूति चाह रहे हैं। भारतीय चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है, हमें इसका सम्मान कायम रखना चाहिए, ट्विटर पर इसका अपमान नहीं करना चाहिए।'
शिवसेना से जुड़ा नाम ही देने की चुनाव आयोग के सामने रखी शर्त
इससे पहले उद्धव ठाकरे गुट ने पार्टी के नाम को लेकर चुनाव आयोग के सामने तीन विकल्प दिए हैं और हर हाल में उन्हीं में से एक नाम आवंटित किए जाने को कह दिया है। उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के सांसद ए सावंत ने चुनाव आयोग को लेकर साफ तौर पर कहा है कि, 'हमारी पार्टी का नाम शिवसेना है, यदि भारतीय चुनाव आयोग हमें शिवसेना से संबंधित उनमें से कोई नाम देता है, जैसे- शिवसेना (बालासाहेब ठाकरे), शिवसेना (प्रबोधनकार ठाकरे) या शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), जो हमें स्वीकार्य होगा।'
उद्धव गुट की ओर से तीन चुनाव चिन्ह के विकल्प देने की बात
यही नहीं, जानकारी के मुताबिक उद्धव गुट ने चुनाव के सामने अपनी पार्टी से संबंधित चुनाव निशान को लेकर भी एक सूची दी है, जिसमें त्रिशूल, उगता हुआ सूरज और मशाल शामिल है। उद्धव खेमे ने चुनाव आयोग से इन्हीं विकल्पों में से एक पर मुहर लगाने की मांग की है। पार्टी का नया नाम और नया निशान को लेकर दोनों गुटों की रविवार को बैठकें तय की गई हैं। पहले उद्धव गुट ने की और शााम में एकनाथ शिंदे गुट भी करने वाली है। शिवसेना को मौजूदा चुनाव चिन्ह तीर धनुष 1989 में मिला था, उससे पहले वह ढाल और तलवार, नारियल पेड़, रेलवे इंजन और कप प्लेट जैसे चुनाव चिन्हों पर चुनाव लड़ चुकी थी।
शिवसेना का नाम और निशान चुनाव आयोग ने फ्रीज किया है
बता दें कि चुनाव आयोग ने शनिवार को शिवसेना का नाम और तीर और धनुष वाला चुनाव निशान दोनों गुटों के बीच हो रहे विवाद की वजह से फ्रीज कर लिया था। चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट दोनों से ही तीन-तीन नाम और तीन-तीन चुनाव चिन्ह देने को कहा था, जिनमें से आयोग दोनों को एक-एक आवंटित करेगा। चुनाव आयोग का यह ऐक्शन जून महीने में शिवसेना में पड़ी फूट के करीब तीन महीने से भी ज्यादा समय बाद लिया गया है, क्योंकि दोनों ही गुट असली शिवसेना होने और उसी आधार पर पार्टी के चुनाव निशान के लिए दावे कर रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने लिया फैसला
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि पार्टी और चुनाव चिन्ह के विवाद पर फैसला करने का अधिकार चुनाव आयोग के पास है। दरअसल, उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग की ओर से किसी तरह का फैसले पर रोक लगाने की याचिका डाली थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिका खारिज करते हुए कहा था कि असली शिवसेना और पार्टी के चुनाव निशान पर फैसला लेने का अधिकार चुनाव आयोग के पास है। इसके बाद ही शनिवार को चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को सोमवार यानि 10 अक्टूबर को दिन के 1 बजे तक उसके पास उपलब्ध लिस्ट में से अपनी पसंद के तीन चुनाव चिन्ह बताने को कहा है, जिसपर चुनाव आयोग आखिरी फैसला लेगा। (इनपुट-एएनआई)