Pune Land Scam: पूर्व मंत्री खडसे की पत्नी ED के सामने हुईं पेश, जानिए क्या है पूरा मामला
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मुंबई, 19 अक्टूबर: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता एकनाथ खडसे की पत्नी मंदाकिनी खडसे मंगलवार को मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय के समक्ष पेश हुईं। मंदाकिनी खडसे की पेशी पुणे जमीन घोटाले से जुड़े एक मामले में जांच के लिए हुई है। इस दौरान उनके वकील मोहन तालेकर ने कहा कि हम यहां ईडी कार्यालय में हैं। मंदाकिनी खडसे भी यहीं हैं। हम कोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं और जांच में सहयोग करेंगे।
दरअसल, इस पूरे केस में पुणे के एक एक्टिविस्ट हेमंत गावंडे ने 2017 में याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया कि एकनाथ खडसे ने राजस्व मंत्री के तौर पर अपनी सीट का दुरुपयोग करते हुए पुणे के पास भोसरी में महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (MIDC) में एक रिश्तेदार के नाम पर तीन एकड़ की जमीन 3.75 करोड़ रुपए में खरीदी थी, जबकि जमीन का बाजार मूल्य 2016 में 31 करोड़ रुपए था।
हाईकोर्ट से मंदाकिनी खडसे को राहत
पूर्व राजस्व मंत्री और राकांपा नेता एकनाथ खडसे की पत्नी मंदाकिनी खडसे को राहत देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को गिरफ्तारी से 7 दिसंबर तक के लिए अंतरिम सुरक्षा प्रदान कर दी। हाईकोर्ट ने हालांकि उन्हें जांच में सहयोग करने और अदालत के सामने पेश होने का आदेश दिया है। जस्टिस नितिन साम्ब्रे की एकल पीठ पुणे भूमि सौदा मामले के मुख्य आरोपियों में से एक मंदाकिनी द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
मंदाकिनी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामलों की सुनवाई के लिए नामित एक विशेष अदालत द्वारा उनके खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट के बाद पीठ का दरवाजा खटखटाया था। विशेष अदालत ने मंगलवार को उसके समक्ष पेश न होने पर वारंट जारी किया था।
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पत्नी और दामाद का आरोप पत्र में नाम
विशेष रूप से खडसे, उनकी पत्नी और दामाद गिरीश चौधरी का नाम ईडी ने जमीन सौदा मामले में दायर अपने आरोप पत्र में रखा है। ईडी के अनुसार तत्कालीन भाजपा सरकार में खडसे ने राजस्व मंत्री के रूप में अपने कार्यालय का दुरुपयोग किया था। ईडी का दावा है कि खडसे ने अधिकारियों को जमीन अधिग्रहण करने का निर्देश तब दिया जब वह एमआईडीसी के प्रभारी नहीं थे। 15 दिनों के भीतर जमीन उनके परिजन (चौधरी, उनकी सास और पत्नी मंदाकिनी) द्वारा 3.75 करोड़ रुपए में खरीदी गई थी, जब सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार जमीन का बाजार मूल्य 2016 में 31 करोड़ रुपये था जब सौदा हुआ।