मनसुख हिरेन हत्याकांड: मीठी नदी से NIA को मिले कई अहम सबूत, सचिन वाजे को लेकर पहुंची थी टीम
मुंबई। एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन की हत्या मामले में रोजना नया मोड़ सामने आ रहा है। दोनों ही मामलों में आरोपी पूर्व पुलिस ऑफिसर सचिन वाजे को लेकर आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए मीठी नदी के पास लेकर पहुंची। एनआईए को शक था कि वाजे और उनके साथियों ने मनसुख हिरेन हत्या और एंटीलिया केस से जुड़े सबूत मीठी नदी में फेंके हैं। रविवार को एनआईए के गोताखोरों ने जब नदी में तलाशी ली तो उनके हाथ कुछ अहम सबूत मिले। मीठी नदी में सर्च ऑपरेशन का एक वीडियो भी सामने आया है।
आरोपी सचिन वाजे की मौजूदगी में जब एनआईए के गोताखोरों ने नदी में तलाशी ली तो उनके हाथ नंबर प्लेट, सीपीयू, हार्ड डिस्क और डीवीआर लगा। एनआईए को नदी से दो नंबर प्लेट मिले हैं उनपर एक ही नंबर MH02FP1539 लिखा हुआ है। एनआईए की टीम अभी भी नदी में तलाश कर रही है, अभी भी कुछ अहम सबूत मिलने की उम्मीद है। नदी से मिले सुराग और अब तक की जांच से यह तो स्पष्ट हो गया है कि मनसुख हिरेन की हत्या से आरोपी सचिन वाजे का संबंध जरूर है। परिस्थितिजन्य साक्ष्य के साथ सामना होने पर आरोपी सचिन वाजे ने खुद स्वीकार किया है कि सबूत के कुछ हिस्से उसने मुंबई की मीठी नदी में फेंके थे। गोताखोरों की मदद से एनआईए ने आज नदी से डीवीआर, सीपीयू, लैपटॉप, वाहन नंबर प्लेट और अन्य सामान बरामद किया है। सूत्रों के मुताबिक हत्याकांड में कई और लोग भी शामिल हो सकती है।
बता दें कि एनआईए को सचिन वेज के ऑफिस से एक डायरी बरामद हुई है, जिसमें एनआईए को शक है कि यह डायरी परमबीर सिंह के जबरन वसूली के आरोपों से जुड़ी हो सकती है। अब एजेंसी मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू की जांच के लिए ईडी से संपर्क कर सकती है।बरामद की गई सचिन वाजे की डायरी में बैंक खातों और पैसों के लेनदेन से जुड़ी जानकारी भी नोट है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी को मिली यह डायरी मुंबई में चल रहे अवैध उगाही के काले कारोबार के लिए काफी अहम है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डायरी में पैसे के लेन-देन की बात कोड वर्ड में नोट की गई है। ऐसे में परमबीर सिंह के आरोपों के बीच एनआईए को शक है कि ये रेस्तरां, पब और कारोबारियों से वसूली गई रकम हो सकती है।
यह भी पढ़ें: संजय राउत का बड़ा बयान, कहा- वाजे वसूली कर रहा था लेकिन देशमुख को जानकारी नहीं, ऐसा कैसे संभव है