2047 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की थी योजना, PFI पर महाराष्ट्र ATS ने और क्या खुलासे किए ? जानिए
मुंबई, 29 सितंबर: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध की जरूरत के बारे में बताते हुए महाराष्ट्र एटीएस चीफ विनीत अग्रवाल ने गुरुवार को कई बड़े खुलासे किए हैं। उनके मुताबिक पीएफआई भारत को 2047 तक मुस्लिम राष्ट्र बनाने की योजना पर काम कर रहा था और देश के कई बड़े नेता उसके टारगेट पर थे, जिसमें आरएसएस के लोग भी शामिल हैं। महाराष्ट्र एटीएस चीफ ने कहा है कि पीएफआई पर बैन लगाना इसलिए बहुत महत्वपूर्ण हो गया था, क्योंकि वह देश के लिए धीमा जहर बन चुका था।
बहुत ही खौफनाक थी पीएफआई की प्लानिंग
महाराष्ट्र एटीएस चीफ विनीत अग्रवाल ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा है, 'पीएफआई को सही समय पर बैन किया गया है। महाराष्ट्र एटीएस ने कई जगहों पर छापेमारी की है और कुल 21 लोगों को गिरफ्तार किया है और गई इलेक्ट्रॉनिक गजेट भी जब्त किए गए हैं। बैन के बाद संगठन को भंग किया जा चुका है। अब उनके पास फिर से एकत्रित होने या कानूनी प्लेटफॉर्म के अलावा विरोध का कोई प्लेटफॉर्म नहीं है।' उन्होंने कहा, 'पीएफआई ने राज्य में कई स्थानों पर ट्रेनिंग सेटर खोल रखा था और वहां पर राष्ट्र-विरोधी कार्य को अंजाम देते थे। अपने कोचिंग सेंटरों में पुराने वीडियो और घटनाओं को लोगों को दिखाकर कहते थे कि आपके लोगों को बहुत सारी प्रताड़ना झेलनी पड़ेगी, आपको बचाने के लिए मुगल नहीं आएंगे, आपको अपनी रक्षा खुद करनी होगी। पीएफआई प्रतिभागियों से आत्म रक्षा के लिए पत्थर, चाकू, तलवारें, ईंटें, धारदार चीजें और बाकी चीजें अपनी छतों पर रखने के लिए कहता था। '
2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना चाहते थे- एटीएस चीफ
एटीएस चीफ ने कहा है कि अभी तक महाराष्ट्र में 2,000 से ज्यादा लोगों को ट्रेनिंग मिल चुकी है। उनके मुताबिक, 'हम उनके डेटा रिकवर करने के लिए टूल्स इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्होंने लोगों को हेट क्राइम करने के लिए प्रेरित करके 2047 तक भारत को एक इस्लामिक देश बनाने की योजना तैयार की थी, जब भारत आजादी के 100 वर्ष पूरे कर लेगा। लेकिन, सरकार के फैसले ने उनकी योजना को नाकाम कर दिया है। हर पांच साल में इसका एजेंडा तैयार किया जाता था, लेकिन उन्हें बीच में ही रोक दिया गया है और सही कदम उठा लिया गया है।' वो बोले कि 'टारगेट की पहचान करके लक्षित हत्याएं करना उनका मोडस ऑपरेंडी था।'
टेरर फंडिंग से संबंधित जांच चल रही है
उन्होंने कहा है कि एटीएस ने पीएफआई के गिरफ्तार सदस्यों के बैंक अकाउंट भी सीज किए हैं और उनसे संबंधित टेरर फंडिंग की पड़ताल चल रही है। उन्होंने बताया, 'पीएफआई सदस्यों के सीज किए गए बैंक अकाउंट में लाखों रुपए हैं और इससे पैसे संगठन के नाम पर खर्च किए जाते थे। पीएफआई फंड में ये पैसे कहां से आ रहे थे, इसकी जांच करने पर एटीएस को पता चला है कि यह पैसे विभिन्न जगहों से आ रहे थे। '
ये लोग थे पीएफआई के टारगेट
महाराष्ट्र एटीएस चीफ के मुताबिक देश के बड़े नेता और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लोग पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के टारगेट पर थे। उन्होंने कहा कि पीएफआई के लोग खुद को समाजिक विकास और शारीरिक शिक्षा से जुड़े हुए बताते थे, जबकि लोगों को उकसाने के लिए लेक्चर दिया करते थे। उधर सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र के गृह विभाग ने यूएपीए के सेक्शन 42 के तहत एक आदेश जारी करके पुलिस कमिश्रनरों और जिलाधिकारियों को पीएफआई के खिलाफ अपने अधिकारों के इस्तेमाल करने को कहा है। यह कदम केंद्र सरकार की ओर से उसके 'टेरर लिंक' की वजह से उसपर पाबंदी लगाने के बाद उठाया गया है।
केंद्र सरकार ने पीएफआई को किया है बैन
उधर केरल और तमिलाडु जैसे राज्यों ने भी पीएफआई को गैर-कानूनी संगठन घोषित करने से संबंधित आदेश जारी किया है। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर मंगलवार को पीएफआई और इससे जुड़े संगठनों को तत्काल प्रभाव से गैर-कानूनी संगठन घोषित कर दिया था। इस संगठन की गैर-कानूनी हरकतों के चलते इसपर बैन की मांग लंबे समय से हो रही थी।