चुनाव आयोग शिवसेना के दोनों गुटों की 12 दिसंबर को करेगा पहली व्यक्तिगत सुनवाई
महाराष्ट्र में शिवसेना के दोनों धड़ो एकनाथ शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट की चुनाव आयोग 12 दिसंबर को सुनवाई कि लिए बुलाया है। जिसमें पार्टी का चुनाव चिह्न विवाद पर ठोस सुनवाई होगी।
महाराट्र में कुछ माह पहले एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में बगावत कर उद्धव ठाकरे की सरकार गिराकर भाजपा से हाथ मिलाकर सरकार बना ली थी। जिसके साथ ही उन्होंने अपने गुट की शिवसेना को असली शिवसेना होने का दावा ठोक दिया था जिसके बाद उद्धव ठाकरे गुट से उनकी जंग छिड़ी हुई है। चुनाव आयोग इस मामले की सुनवाई कर रहा है। सूत्रों के अनुसार 12 दिसंबर को उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना की पहली बार चुनाव आयोग व्यक्तिगत सुनवाई करेगा।
बता दें चुनाव आयोग ने शिवसेना के मूल चुनाव चिन्ह किसी को नहीं दिया बल्कि दोनों गुटों की पार्टियों को नया नाम आवंटित कर दिया था। जिसमें ठाकरे गुट के लिए पार्टी के नाम 'शिवसेना - उद्धव बालासाहेब ठाकरे' और एकनाथ शिंदे गुट की पार्टी को 'बालासाहेबंची शिवसेना'(बालासाहेब की शिवसेना) नाम आवंटित किया था।
सूत्रों के अनुसार पार्टी का चुनाव चिह्न विवाद ''ठोस सुनवाई'' के चरण में पहुंच चुकी है। दोनों गुटों की पहली व्यक्तिगत सुनवाई के लिए 12 दिसंबर की तारीख निर्धारित की गई है और आवश्यक आदेश जारी किया जा चुका है। याद रहे पोल पैनल ने दोनों समूहों को 9 दिसंबर शाम 5 बजे तक कोई और बयान या दस्तावेज जमा करने का भी निर्देश दिया है।
इस महीने की शुरुआत में, आयोग ने शिवसेना गुटों को 23 नवंबर तक पार्टी के नाम और उसके प्रतीक पर अपने दावे को वापस लेने के लिए नए दस्तावेज जमा करने का आदेश दिया था। पोल पैनल ने उन्हें एक दूसरे के साथ पोल पैनल को सौंपे गए दस्तावेजों का आदान-प्रदान करने के लिए भी कहा था।अक्टूबर में एक अंतरिम आदेश में, आयोग ने दोनों गुटों को पार्टी के नाम या उसके 'धनुष और तीर' चिन्ह का उपयोग करने से रोक दिया था।
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