एकनाथ शिंदे को शिवसेना ने विधायक दल के नेता के पद से हटाया, अजय चौधरी को मिली जिम्मेदारी
मुंबई, 21 जून: महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान के बीच शिवसेना ने बागी नेता एकनाथ शिंदे के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। पार्टी ने उन्हें विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है। उनकी जगह सेवरी विधायक अजय चौधरी को यह जिम्मेदारी दी गई है। दिग्गज मंत्री एकनाथ शिंदे शिवसेना के 15, एक एनसीपी और 14 निर्दलीय विधायकों के साथ गुजरात के सूरत के एक होटल में रुके हुए हैं। इस टोली में शिंदे के अलावा 3 मंत्री और हैं।
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पार्टी के इस एक्शन के बाद शिंदे ने बयान दिया, जो उनके बागी तेवरों के एकदम उलट था। उन्होंने ट्वीट किया- हम बालासाहेब के सच्चे शिवसैनिक हैं। बालेसाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है। हम सत्ता के लिए कभी भी धोखा नहीं देंगे। एकनाथ के इस कदम से महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर संकट खड़ा हो गया है।
बताया जा रहा है कि, एकनाथ शिंदे ने राकांपा और कांग्रेस से गठबंधन तोड़ भाजपा के साथ गठबंधन की शर्त रखी है। यह भी कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे खुद मुख्यमंत्री पद पर बैठना चाहते हैं। शिंदे ने 3 विधायकों संजय राठोड, संजय बांगर और दादा भुसे कुल को मातोश्री भी भेजा है। सूत्रों के अनुसार आज देर शाम गुजरात के अहमदाबाद में केंद्रीय मंत्री अमित शाह,पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा,देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच अहम बैठक हो सकती है।
एकनाथ शिंदे के साथ सूरत के होटल में रुके विधायकों में शहाजी बापू पाटील, महेश शिंदे, भरत गोगावले, महेंद्र दळवी, महेश थोरवे, विश्वनाथ भोईर, संजय राठोड, संदीपान भुमरे, उदयसिंह राजपूत, संजय शिरसाठ, रमेश बोरणारे, प्रदीप जैसवाल, अब्दुल सत्तार और तानाजी सावंत शामिल हैं। उधर महाराष्ट्र के ताजा सियासी हालात को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने मध्य प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कमलनाथ को महाराष्ट्र का पर्यवेक्षक बनाया है।
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राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र में कोई भूकंप नहीं आएगा। कुछ विधायकों को गुमराह किया गया है, जिससे संपर्क नहीं हो पा रहा। उन्होंने कहा कि सूरत में जो विधायक हैं, उन्हें आने नहीं दिया जा रहा है। राउत ने कहा कि सबकी घेराबंदी कर दी गई है। सभी विधायक आना चाहते हैं और वे हर संघर्ष में शिवसेना के साथ रहे हैं।