महाराष्ट्र में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच उच्च स्तरीय बैठक, 5 दिनों में 50 फीसदी बढ़े मामले
मुंबई, 07 जून। महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों ने प्रदेश सरकार की चिंता को बढ़ा दिया है। कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को उच्च स्तरीय बैठक की है, इस दौरान कोरोना को रोकने के उपायों की समीक्षा की गई। इस दौरान यह चर्चा भी की गई कि क्या संक्रमण को रोकने के लिए किसी नए प्रतिबंध की आवश्यकता है या फिर अनिवार्य मास्क ही पर्याप्त है क्योंकि अस्पताल में कोरोना के मरीजों के भर्ती होने की संख्या में अभी तक कोई इजाफा नहीं हुआ है।
बता दें कि महाराष्ट्र में सोमवार को कोरोना के 1036 नए मामले सामने आए थे। इसके साथ ही प्रदेश में संक्रमण के मामले 1000 की संख्या को पार कर गए। सात दिनों के औसत मामलों की बात करें तो 26 फरवरी के बाद अबतक का यह सबसे अधिक मामला है। अधिकारियों का कहना है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के चलते मामलों में इजाफा हुआ है। ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट BA.4 व BA.5 ने भी संक्रमण को बढ़ाने में भूमिका निभाई है, जोकि काफी तेजी से फैलते हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश तोपे ने कहा कि हालांकि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में कोई इजाफा नहीं हुआ है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पताल में भर्ती करने का औसत काफी कम है, आंकड़ों के अनुसार सिर्फ 1 फीसदी पॉजिटि मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है। लिहाजा संक्रमण काफी गंभीर नही है, ऐसे में बहुत अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है। मुंबई में कोरोना के 24579 मामले हैं जिसमे से सिर्फ 0.74 फीसदी यानि 185 को सोमवार को अस्पाल में भर्ती करना पड़ा। शहर में 4768 ऑक्सीजन बेड है जिसमे से सिर्फ 14 मरीजों को इसकी जरूरत पड़ी है।
सोमवार को मुंबई में कोरोना के 676 नए मामले सामने आए थे, जबकि पूरे प्रदेश में 1036 मामले आए थे। यानि अकेले मुंबई पूरे प्रदेश में संक्रमण के 60-70 फीसदी मामले दे रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने उद्धव ठाकरे के साथ बैठक में प्रदेश के कोरोना हालात की विस्तृत रिपोर्ट पेश की। उन्होंने बताया कि पिछले 7 दिनों में प्रदेश के कुल मामलों की तुलना में अकेले मुंबई में 67.28 फीसदी मामले आए हैं। वहीं थाणे में 17.17 फीसदी, पुणे में 7.43 फीसदी, रायगढ़ में 3.36 फीसदी, पालघर में 2 फीसदी मामले सामने आए हैं।