अजान की तुलना महाआरती से कर विवादों में फंसे शिवसेना नेता पांडुरंग सकपाल, भाजपा ने कही ये बात
मुंबई। शिवसेना की दक्षिण मुंबई इकाई के प्रमुख पांडुरंग सकपाल द्वारा मीडियो को दिए एक बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। पांडुरंगा सकपाल के बयान के बाद विपक्षी दल भाजपा ने शिवसेना पर हमला बोला है। हालांकि, विवाद बढ़ता देख शिवसेना नेता पांडुरंग सकपाल ने यूटर्न ले लिया। उन्होंने कहा, 'मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं अजान स्पर्धा का आयोजन नहीं कर रहा हूं।'
क्या
है
पूरा
मामला
दरअसल,
शिवसेना
नेता
पांडुरंग
सकपाल
ने
मीडिया
को
दिए
इंटरव्यू
में
कहा
था
कि,
'अजान
सिर्फ
5
मिनट
की
होती
है
और
यह
महा-आरती
जितनी
ही
महत्वपूर्ण
है,
जो
शांति
और
प्रेम
का
प्रतीक
है।
उन्होंने
कहा,
'मैं
मरीन
लाइन
पर
बड़ा
कब्रिस्तान
के
पास
रहता
हूं..
रोज
अजान
सुनता
हूं..
यह
बड़ा
ही
अद्भुत
और
मनमोहक
होता
है।
जो
भी
एकबार
सुनता
है,
दूसरी
बार
के
लिए
उत्सुकता
से
इंतजार
करता
है।
इसी
से
अजान
प्रतिस्पर्धा
का
विचार
आया।'
इस
दौरान
शिवसेना
नेता
सकपाल
ने
भगवद्
गीता
पाठ
प्रतिस्पर्धा
की
तर्ज
पर
अजान
कॉम्पिटिशन
कराने
की
बात
कही।
बयान
वायरल
होने
के
बाद
भाजपा
ने
बोला
हमला
वहीं,
शिवसेना
नेता
पांडुरंग
सकपाल
का
बयान
सोशल
मीडिया
पर
वायरल
होने
के
बाद
बीजेपी
नेता
अतुल
भतकलकर
हमला
बोला
है।
उन्होंने
बयान
पर
हैरानी
जताते
हुए
कहा,
'बालासाहब
ठाकरे
की
जिस
पार्टी
को
सड़क
पर
नमाज
पढ़े
जाने
पर
ऐतराज
था,
उसे
अज़ान
से
ऐसा
प्रेम
कैसे
हो
गया।'
तो
वहीं,
बीजेपी
प्रवक्ता
अतुनल
भतखलकर
ने
कहा,
'शिवसेना
ने
भगवा
झंडा
छोड़
दिया
है
और
वह
सत्ता
के
लिए
मुस्लिम
तुष्टीकरण
करना
चाहती
है।
उसे
भगवा
नहीं
हरा
रंग
पसंद
आने
लगा
है।'
पांडुरंग
सकपाल
ने
लिया
यूटर्न
हालांकि,
बयान
पर
विवाद
बढ़ता
देख
शिवसेना
नेता
पांडुरंग
सकपाल
ने
यूटर्न
ले
लिया।
उन्होंने
कहा,
'मेरे
बयान
को
गलत
तरीके
से
पेश
किया
जा
रहा
है।
उन्होंने
कहा
कि
मैं
अजान
स्पर्धा
का
आयोजन
नहीं
कर
रहा
हूं।'
उन्होंने
कहा,
'मैंने
मुस्लिम
बच्चों
को
प्रोत्साहित
करने
के
लिए
मुंबई
के
एक
एनजीओ
'माई
फाउंडेशन'
को
अजान
कॉम्पिटिशन
का
आयोजन
के
लिए
सुझाव
दिया
था।
इसमें
कुछ
गलत
नहीं
है।
यदि
अजान
स्पर्धा
का
आयोजन
होता
भी
है
तो
मैं
वहां
पर
नहीं
जाऊंगा।'
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