Sagar Nagar Nigam: भाजपा पार्षद—एमआईसी सदस्य भी विपक्ष की तरह नजर आए, पागल कुत्तों पर परिषद में बहस
नगर निगम के साधारण सभा के सम्मेलन में आसंदी पर अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार खुद अधिकारियों की खिंचाई करते दिखे। वे बोले कि निगम में अधिकार और कर्मचारी निगम में समय पास कर रहे हैं। कुछ रिटायरमेंट का समय काट रहे हैं।
Sagar Nagar Nigam : सागर शहर की पेयजल लाइनों में लीकेज, वार्डों में गंदे पानी की सप्लाई, टाटा व सीवरेज के पाइप डालने में पेयजल लाइनों की क्षति, जलसप्लाई का समय अनियमित होने सहित जलप्रदाय के ऐसे कई मामलों को लेकर निगम की साधारण सभा की बैठक में प्रतिपक्ष तो ठीक अधिकांश भाजपा पार्षद और एमआईसी सदस्यों ने ही अधिकारियों की जमकर क्लास ली। अध्यक्ष ने व्यवस्था दी कि 8 दिन के अंदर विभाग शहर के लाइनों के लीकेज के मामले रिपोर्ट महापौर के समक्ष पेश करेंं।
नगर निगम की साधारण सभा की बैठक में शुक्रवार को एक बार फिर सत्तारूढ़ दल भाजपा के ही पार्षद टाटा द्वारा डाली जा रही पेयजल पाइप लाइन और सीवरेज की समीक्षा के मुद्दे पर विपक्ष की भूमिका में नजर आए। बैठक में महापौर संगीता तिवारी उपस्थित रहीं। इस दौरान अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार ने शहर की पाइप लाइनों के लीकेज का मामला उठाया तो एमआईसी सदस्य शैलेष केशरवानी, मेघा दुबे, धर्मेंद्र खटीक सहित याकृति जडिय़ा, सूरज घोषी, अशोक साहू, शिवशंकर यादव आदि ने अपने क्षेत्रों की समस्या उठाई। मामले में ईई विजय दुबे के जवाब से परिषद संतुष्ट नहीं हुई तो अध्यक्ष श्री अहिरवार ने व्यवस्था दी कि जलप्रदाय विभाग 8 दिन के अंदर शहर की लाइनों के लीकेज के मामले में कार्रवाई कर पूरी रिपोर्ट महापौर और उनके कार्यालय में प्रस्तुत करें। इस दौरान अध्यक्ष ने जलप्रदाय विभाग के प्रभारी व अधिकारियों पर कटाक्ष किया कि अधिकांश कर्मचारी यहां टाइम पास नौकरी कर रहे हैं।
अमृत-2
में
पेयजल,
सीवरेज
के
लिए
40
करोड़
टाटा
लाइन
में
से
अब
तक
290
किमी
पेयजल
लाइन
डल
चुकी
है।
उन्होंने
जानकारी
दी
कि
जिन
वार्डों
में
50
मीटर
से
अधिक
लंबाई
की
लाइन
नए
तरीके
से
डाली
जानी
है
उसमें
पुन:
सर्वे
होगा।
शासन
ने
अमृत-2
के
तहत
पेयजल
लाइन
एवं
सीवरेज
के
लिए
40
करोड़
स्वीकृत
किए
हैं।
वहीं
निगम
अध्यक्ष
वृंदावन
अहिरवार
ने
पार्षदों
की
लगातार
आपत्ति
के
बाद
व्यवस्था
दी
कि
टाटा
एवं
सीवरेज
जो
शहर
के
48
वार्डों
में
जोन
बनाकर
कार्य
कर
रहे
हैं,
हर
जोन
की
मीटिंग
अलग
करें
जिसमें
संबंधित
एजेंसी,
निगम
के
अधिकारी
एवं
जोन
के
पार्षद
मौजूद
रहे
जिससे
वार्डों
की
समस्या
का
सही
तरीके
से
निराकरण
हो
सके।
शहर
में
स्ट्रीट
लाईटों
का
मुद्दा
उठने
पर
जब
अध्यक्ष
ने
प्रकाश
विभाग
के
अधिकारी
को
पुकारा
तो
वहां
विभाग
से
कोई
भी
मौजूद
नहीं
था
जिस
पर
सभी
संबंधितों
को
नोटिस
जारी
करने
के
निर्देश
दिए।
अब
सागर
में
पालतू
कुत्तों
पर
लगेगा
टैक्स
डेयरी
विस्थापन
को
लेकर
आए
विषय
के
दौरान
अधिकांश
पार्षदों
ने
शहर
में
आवारा
कुत्तों,
मवेशी
विशेषकर
साड़ों
और
सुअरों
की
समस्या
उठाई।
आयुक्त
चंद्रशेखर
शुक्ला
ने
बताया
कि
पालतू
कुत्तों
पर
टैक्स
लगाया
जाएगा
जिस
पर
सहमति
लगभग
बन
गई
है।
वहीं
आवारा
कुत्तों
से
लोगों
के
बचाव
के
लिए
उनके
बधियाकरण
सहित
अन्य
कार्रवाई
के
निर्देश
दिए
गए
हैं।
इस
दौरान
एमआईसी
सदस्य
शैलेष
केशरवानी
ने
सुअरों
में
अफ्रीकन
फ्लू
का
मामला
उठाया
तो
आयुक्त
ने
बताया
कि
सुअरों
की
नष्ट
करने
की
कार्रवाई
शुरू
कर
दी
है।
वहीं
डेयरी
विस्थापन
को
लेकर
गौर
वार्ड
पार्षद
श्री
यादव
एवं
एमआईसी
सदस्य
मेघा
दुबे
ने
विस्थापन
स्थल
पर
व्यवस्थाएं
एवं
शहर
में
डेयरियों
की
संख्या
में
अंतर
के
सवाल
को
उठाया
जिस
पर
बताया
गया
कि
स्वास्थ्य
विभाग
के
सर्वे
में
शहर
में
342
डेयरियां
चिन्हित
की
गई
हैं।
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विभागीय
प्रभारी
और
सभापति
को
ही
नहीं
जानकारी
अन्य
विषयों
को
लेकर
चल
रही
बहस
के
दौरान
तब
अजीब
स्थिति
बनी
जब
स्वच्छता
सर्वेक्षण
को
लेकर
एमआईसी
सदस्य
एवं
प्रभारी
शैलेष
केशरवानी
ने
कहा
कि
स्वच्छता
सर्वेक्षण
के
लिए
निगम
द्वारा
कराए
जा
रहे
कार्यक्रमों
की
खुद
उन्हें
ही
जानकारी
नही
दी
जाती।
इस
दौरान
सदस्यों
द्वारा
शहर
के
पहले
निगम
कार्यालय
को
ही
स्वच्छ
बनाने
पर
जोर
दिया
गया
जिस
पर
आम
सहमति
से
अध्यक्ष
ने
कार्यालय
में
पान
की
पीक
सहित
अन्य
गंदगी
फैलाने
वालों
पर
नकद
एक
हजार
रूपए
जुर्माने
का
प्रस्ताव
पारित
कर
दिया।
विभागीय
सभापति
को
पहले
से
दें
जानकारी
नई
परिषद
की
इस
दूसरी
बैठक
में
भी
एमआईसी
के
सदस्यों
का
रवैया
लगभग
विपक्ष
जैसा
नजर
आया।
इस
दौरान
निगम
अध्यक्ष
वृंदावन
अहिरवार
ने
जलप्रदाय
सहित
अन्य
विषयों
पर
हो
रही
बहस
के
दौरान
बार-बार
संबंधित
विभाग
के
सभापति
को
पुकारा।
बाद
में
उन्होंने
कहा
कि
अधिकारी
परिषद
की
बैठक
के
पूर्व
संबंधित
विभाग
के
सभापति
को
पूरी
जानकारी
से
अवगत
कराएं।
अगली
बैठक
में
अधिकारी
से
पहले
संबंधित
सभापति
के
सदस्यों
के
सवालों
का
जवाब
देंगें।