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MP: नगरीय निकायों के टैक्स प्रावधान गांव पर भी होंगे लागू, शहरों से लगी पंचायतों से होगी शुरुआत

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MP के गांवों में रहने वाले लोगों को भी अब शहरों की तरह टैक्स देना होगा। नगरीय निकायों के टैक्स प्रावधानों को अब ग्राम पंचायतों में लागू करने का प्लान सरकार ने तैयार कर लिया है। सबकुछ ठीकठाक रहा तो 12 नवंबर से इसे लागू किया जा सकता हैं। सबसे अहम यह टैक्स और स्लैब सरकार फिक्स करने जा रही है। यह उस टैक्स या कर वसूली से कहीं अधिक होगा जिसमें सामान्य ग्राम पंचायतों को वसूली के अधिकार दिए गए हैं। यह नियम नगर निगम से 10 किलोमीटर, नगर पालिका से 5 और नगर पंचायत से 3 किलोमीटर वाली ग्राम पंचायतों पर लागू किया जा रहा है।

एमपी के गांवों में भी लगेगा निकाय जैसा टैक्स, नवंबर से लागू

MP के गांवों में रहना भी अब महंगा होने जा रहा है। मप्र सरकार ने नगर निगम, नगर पालिका और नगरीय पंचायत परिषदों के टैक्स प्रावधानों को अब पंचायतों में भी लागू करने का निर्णय लिया है। बीते चार महीनों से इस पर काम चल रहा है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने इसका मसौदा तैयार कर लिया है। प्रदेश में कलेक्टरों के माध्यम से जिले में ग्राम पंचायतों के इलाकों में आवासीय, व्यावसायकि संपतियों सहित हॉट बाजारों, मेला, दुकान, मकानों का सर्वे करा लिया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार मप्र ग्राम सभा पंचायत अनिवार्य शर्तें तथा अपवाद नियम 2001 और मप्र ग्राम पंचायत अनिवार्य कर फीस शर्त तथा अनिवार्य नियम 1996 में संशोधन किया गया है। आखिर मुहर लगना बाकी है। दिवाली बाद नवंबर महीने में इसे लागू करने का प्लान है।

पहले चरण में निकायों के नजदीक वाली पंचायतों में लागू होगा
विभागीय सूत्रों की माने तो पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा नगर सीमा से 10 किलोमीटर के दायरे, नगर पालिका सीमा से 5 किलोमीटर के दायरे व नगर पंचायत परिषद की सीमाओं से 3 किलो मीटर के दायरे में आने वाली ग्राम पंचायतों में पहले चरण में यह नियम लागू होगा। अर्थात जो ग्राम पंचायतें शहरों, बस्तियों अर्थात निकायों के नजदीक मौजूद हैं, पहले चरण में उन पंचायतों पर करारोपण का नियम लागू किया जाएगा।

पंचायतों में दुकानों से लेकर मॉल तक सब शामिल
विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी अनुसार सरकार ने निकायों का टैक्स प्रावधान लेकर ग्राम पंचायतों का टैक्स प्रावधान तैयार कराया है। इसमें बकायदा विभागीय स्तर पर सर्वे कराया गया है। जानकारी अनुसार ग्राम पंचायते जो निकाय सीमा के दायरे में आएंगी उनमें व्यावसायिक एवं आवासीय भूमि और पंचायतों में हाट बाजारों से वसूली होगी। इनमें व्यावसाययिक श्रेणी में मैरिज गार्डन, रिसोर्ट्स, मॉल, शोरुम, ढाबे, पेट्रोल पंप, मनोरंजन पार्क, शिक्षण संस्थाएं, सर्विस सेंटर, मोबाइल टॉवर को शामिल किया गया है।

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हाट बाजारों में प्रति वर्ग मीटर, पशुओं पर भी देना होगा टैक्स
ग्राम पंचायत क्षेत्रों में लगने वाले हाट बजारों में जो दुकानें लगाई जाएंगी उनमें प्रति वर्ग मीटर पर 5 रुपए, हाथ ठेला वालों से अधिकतम 30 रुपए, लोडिंग वाहन से 50 रुपए टैक्स लिया जाएगा। यह बाजार बैठकी की तर्ज पर लिया जाएगा। दूसरी ओर हाट बाजार या पशु मेले मंें बिकने के लिए आने वाले पशुओं के रजिस्ट्रीकरण पर भी टैक्स देना होगा। इसमें बकरा-बकरी पर 30 रुपए, गाय, भैंस, घोड़ा आदि पशुओं और मवेशियों पर न्यूनतम 50 रुपए और अधिकतम 100 रुपए लिया जाएगा।

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English summary
People living in villages of MP will also have to pay tax like cities. Now the government has prepared a plan to implement the tax provisions of urban bodies in the gram panchayats. If everything goes well, it can be implemented from November 12.
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