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MP: रीवा में भांजियों से मजाक, कबाड़ जैसी साइकल बांट दी, घसीटकर घर ले गईं छात्राएं

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रीवा, 31 अगस्त। मप्र के रीवा में शासन-प्रशासन की नाक के नीचे मामा की भांजियों से मजाक किया जा रहा है। शासन के आदेशों-निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यहां स्कूली छात्राओं को सर्व शिक्षा अभियान के तहत कबाड़ जैसी साइकिलें बांट दी गईं। छात्राएं उन्हें घसीटते हुए कई किलोमीटर दूर घर तक ले गईं। बेशर्मी की बात तो यह रही कि साइकल वितरण के जिम्मेदार अधिकारी इसे नकारते हुए मीडिया के पास गलत जानकारी होने की बात कह रहे हैं। उनका कहना है नई साइकिलें बांटी गई हैं। छात्राओं द्वारा सड़क पर साइकिल घसीटते हुए तस्वीरें और वीडियो उनको गलत लगता है। हालंाकि जिला प्रशासन ने इस मामले में जांच कराने की बात कही हैं।

 टायर-ट्यूब सडे़, चेन खराब, जंग लगी साइकिलें छात्राओं को बांटी

टायर-ट्यूब सडे़, चेन खराब, जंग लगी साइकिलें छात्राओं को बांटी

मप्र के रीवा में प्रशासन ने स्कूली छात्राओं को स्कूल आने-जाने के लिए साइकिल वितरित कराई थीं। यह साइकलें सर्व शिक्षा अभियान के तहत बांटी गई थीं, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों ने इस और ध्यान नहीं दिया, जिम्मेदार अधिकारियों ने छात्राओं को घटिया, जंग लगी हुई, ट्यूब-टायर सड़े हुए, जाली खराब, चेन टूटी हुई, लाॅक खराब साइकलें बांट दी थी। सड़क पर जब से छात्राएं दर्जनों की संख्या में साइकलें घसीटते हुए निकली तो तमाशा सा खड़ा हो गई। लोग एक साथ इतनी सारी बच्चियों को एक साथ साइकल घसीटते देख लोेग कौतुहल से मुड़-मुड़कर देख रहे थे।

साइकिल ऐसी मिली कि पैडल मारना तक संभव नहीं था

साइकिल ऐसी मिली कि पैडल मारना तक संभव नहीं था

मप्र सरकार के सर्व शिक्षा अभियान के तहत रीवा के सरकारी सुर्दशन कुमारी व घोघर कन्या विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को शिक्षा विभाग के द्वारा साइकिलें बांटी गईं थीं ताकि उन्हें पैदल स्कूल न आना पडे़। डीईओ कार्यालय के माध्यम से शासकीय मार्तण्ड स्कूल क्रमांक 3 में यह कार्यक्रम रखा गया था। छात्राओं को यहां बुलाया गया और एक-एक कर 50 छात्राओं को साइकिल प्रदान की गईं। जब छात्राओं ने इनको ले जाने का प्रयास किया तो कुछ के पहिए जाम थे, टायरों में हवा नहीं थी, रिंग जंग लगा हुआ था। आगे की जाली टूटी थी, लाॅक जंग व पानी के कारण खराब हो चुका था। साइकल की चेन बड़ी साइज की लगी थी, जिससे पैडल भी नहीं मार सकते थे। सीटें टूटी हुई थीं।

स्कूल से कई किलोमीटर दूर भीगते, घसीटते घर तक पहुंची साइकिलें

स्कूल से कई किलोमीटर दूर भीगते, घसीटते घर तक पहुंची साइकिलें

जिस खुशी के साथ छात्राएं साइकल लेने के लिए पहुंची थी, साइकल मिलते ही वह खुशी काफूर हो गई। मौके पर छात्राओं ने अपने शिक्षकों व अधिकारियों को साइकल बताई और कहा कि यह साइकल खराब हैं तो अधिकारियों ने कहा कि यही साइकल आई हैं, सभी इनको लेकर घर जाओ। थोड़ा बहुत काम है तो घर के लोग करा लेंगे, बारिश के कारण कुछ जंग दिख रही है। साफ हो जाएगी। इधर दूसरी ओर साइकिल वितरण प्रभारी राजेश मिश्रा सारे मामले को ही गलत बताते हुए सभी साइकलें नई बांटे जाने की बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि मीडिया के पास गलत जानकारी है। सारी साइकिलें दुरुस्त हैं और उनमें कोई खराबी नहीं हैं।

साइकिलें खराब होने की जांच कराएंगे

साइकिलें खराब होने की जांच कराएंगे

साइकिल वितरण के दौरान कुछ छात्राओं को खराब साइकल देने का मामला जानकारी में आया है। मामले में डिप्टी कलेक्टर के माध्यम से जांच करा रहे हैं। अगर किसी की गलती या लापरवाही मिली तो कार्रवाई की जाएगी।
- शैलेंद्र सिंह, अपर कलेक्टर, रीवा

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English summary
MP: Joke with nieces in Rewa, distributed bicycles like junk, dragged girls home
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