MP: मिशनरी चीफ व उसके भाई पर 420 का केस, EOW ने दर्ज की एफआईआर
सागर, 29 सितंबर। मप्र के दमोह में बतौर मिशनरी चीफ व बतौर समाजसेवी कहलाने वाले अजय लाल और उनके भाई राजकमल डेविड पर EOW ने शासन से धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। दोनों भाईयों पर कामर्शियल जमीन को आवासीय बताकर सरकार को करीब 76 लाख रुपए की स्टॉप ड्यूटी में चूना लगाने का मामला सामने आया है। EOW ने इन पर धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया है। बीते रोज इन्होंने गिरफ्तारी से बचने के लिए दमोह जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी, जिसे कोर्ट ने लोकायुक्त विशेष न्यायालय को फॉर्वर्ड कर दिया है।
दमोह जिले में कमर्शियल जमीन को आवासीय बताकर 76 लाख 21 हजार रुपए की स्टाम्प चोरी करने के मामले में मध्यप्रदेश आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो EOW ने ईसाई मिशनरी के चीफ के रूप में काम करने वाले अजय लाल और उनके भाई राजकमल डेविड लाल पर मामला दर्ज किया है। बता दें कि दमोह जिले में कई वर्षों से ईसाई मिशनरी के नाम पर अजय लाल के कई संस्थान संचालित हो रहे हैं। जिसमें पूर्व में भी कई तरह के आरोप लगते रहे हैं। ताजा मामला मिशनरी की कमर्शियल जमीनों को आवासीय बताकर बेचने का है। जिसमें लाखों रुपए के स्टांप की चोरी की गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जबलपुर की ईओडब्ल्यू शाखा को सूचना मिली थी कि अजय लाल सामाजिक सेवा के नाम पर बड़ी संख्या में क्रिश्चियन मिशनरी की जमीनों को बेचने का काम कर रहा है। जिसमें उसका भाई डेविड भी शामिल है। इसी आधार पर जांच एजेंसी ने मामले में तथ्य जुटाना शुरू किए और पहले ही चरण में लाखों रुपए की स्टांप चोरी पकड़ में आ गई।
2020 में सिविल वार्ड में बेचा था 15,456 वर्गफुट का प्लाट
अजय लाल के द्वारा साल 2020 में अपने भाई राजकमल डेविड लाल एवं अन्य के साथ मिलकर दमोह सिविल वार्ड नंण् 7 में 15,456 वर्गफुट के व्यावसायिक प्लाट की रजिस्ट्री आवासीय दर्शाकर कर दी गई। इस संबंध में जिला पंजीयक दमोह के द्वारा अपने प्रकरण में उक्त विक्रय के संबंध में कुल 76,21,259 रुपए की शास्ति अधिरोपित की गई है। ईओडब्ल्यू ने जांच के दौरान सूचना की पुष्टि के लिए कलेक्टर दमोह से जानकारी प्राप्त की थी, जिसमें न्यायालय कलेक्टर आफ स्टाम्प दमोह ने स्टाम्प ड्यूटी चोरी की तस्दीक करते हुए अभियोजन की अनुशंसा की थी। तस्दीक के बाद राजकमल डेविड लाल पिता विजय लाल, अजय लाल पिता विजय लाल दोनों निवासी मिशन कम्पाउंड वार्ड-7 दमोह एवं अन्य के खिलाफ अपराध धारा 420, 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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गृह
मंत्रालय
भी
कर
रहा
है
जांच
अजय
लाल
के
दमोह
में
संचालित
10
संस्थानों
पर
एफसीआर
के
तहत
जांच
भी
की
जा
रही
थी।
जिसके
सम्बन्ध
में
कोई
जानकारी
प्रशासनिक
तौर
पर
नहीं
दी
गई
है।
गृह
मंत्रालय
के
पत्र
क्रमांक
2851/2021
में
इनकी
संस्थाओं
को
संदेह
के
घेरे
में
रखकर
जांच
दमोह
भेजी
गई
थी।
जिस
के
संबंध
में
कुछ
भी
जानकारी
पुलिस
व
जिला
प्रशासन
देने
से
कतरा
रहा
है।
एफआईआर
दर्ज
होते
ही
दूसरे
दिन
जिला
कोर्ट
में
अग्रिम
जमानत
याचिका
आर्थिक
अपराध
प्रकोष्ठ
ने
26
सितंबर
को
लाल
बंधुओं
पर
एफआईआर
दर्ज
की
थी।
जिसमें
धारा
420,
120बी
भादवि
के
तहत
ईओडब्ल्यू
भोपाल
की
सागर
इकाई
के
द्वारा
मामला
पंजीबद्ध
किया
गया
है।
इसमें
आवेदक
कलेक्टर
दमोह
की
ओर
से
मनजीत
सिंह
उप
पुलिस
अधीक्षक
आर्थिक
अपराध
प्रकोष्ठ
इकाई
जबलपुर
हैं।
एफआईआर
दर्ज
होने
के
बाद
लाल
बंधुओं
ने
गिरफ्तारी
से
बचने
के
लिए
विशेष
न्यायालय
में
अग्रिम
जमानत
याचिका
दायर
की
है,
जिसे
सुनवाई
के
लिए
लोकायुक्त
कोर्ट
को
फॉर्वर्ड
की
है।